
कहने की जरूरत नहीं कि पर्याप्त मात्रा में शराब की बिक्री से सरकारी खजाने का खजाना भर रहा है।
25 मार्च 2024। मध्य प्रदेश में शराब की खपत काफी बढ़ रही है। पिछले साल विदेशी शराब (स्प्रिट व माल्ट) की खपत ने पिछले सारे रिकॉर्ड तोड़ दिये हैं। इसी तरह देशी शराब की खपत ने भी पुराने सारे रिकॉर्ड तोड़ दिये हैं।
कहने की जरूरत नहीं कि शराब के शैकीन शराब की बिक्री से सरकारी खजाने का खजाना भर रहे है। उत्पाद विभाग के सूत्रों ने बताया कि पिछले वर्ष अच्छी आय होने के बाद भी इस वर्ष राजस्व का लक्ष्य बढ़ा दिया गया है।
मध्य प्रदेश आबकारी विभाग के शराब खपत के आंकड़े कहते हैं कि वित्तीय वर्ष 2022-23 में विदेशी शराब (माल्ट श्रेणी) की खपत 1909.18 लाख बल्क लीटर रही। 2021-22 में माल्टा श्रेणी में विदेशी शराब की खपत 962.18 लाख बल्क लीटर थी। इसका मतलब है कि 2022-23 में विदेशी शराब (माल्ट) की खपत करीब 947 लाख बल्क लीटर बढ़ गई।
इसी तरह, स्पिरिट श्रेणी में विदेशी शराब की खपत में भी बढ़ोतरी देखी गई। 2022- 23 में 684.69 लाख प्रूफ लीटर विदेशी शराब (स्प्रिट) की खपत हुई। 2021-22 में इसकी खपत महज 471.03 लाख प्रूफ लीटर रही। इसका मतलब है कि 2022-23 में विदेशी शराब (स्पिरिट श्रेणी) में लगभग 213 लाख प्रूफ लीटर की वृद्धि हुई।
वित्तीय वर्ष 2020-21 में विदेशी शराब (माल्ट) की खपत 840.77 लाख बल्क लीटर जबकि विदेशी शराब (स्प्रिट) की खपत महज 420.65 लाख प्रूफ लीटर रही। 2020-21 में देशी शराब की खपत 899.16 लाख प्रूफ लीटर थी।
इसके अलावा, बीयर उत्पादन में भी लगभग हर साल बढ़ोतरी देखी जा रही है। उदाहरण के लिए, 2021-22 में कुल बीयर उत्पादन 1348.61 लाख बल्क लीटर रहा। 2020-21 में बीयर का उत्पादन 804.71 लाख बल्क लीटर हुआ। इसका मतलब है कि 2021-22 में बीयर का उत्पादन लगभग 543 लाख बल्क लीटर बढ़ गया।
चूंकि देशी शराब और विदेशी शराब (स्प्रिट और माल्ट) सहित शराब की खपत हर साल बढ़ रही है और इसलिए उत्पाद शुल्क विभाग का राजस्व भी बढ़ रहा है। वर्ष 2022-23 में उत्पाद शुल्क आय 13,005 करोड़ रुपये थी। 2021-22 में यह 10,395 करोड़ रुपये था।