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मध्य प्रदेश में भाजपा की क्लीन स्वीप, कमलनाथ ने हार की स्वीकार, इंदौर लोकसभा सीट पर 1 लाख से ज्यादा वोटों के साथ NOTA का रिकॉर्ड

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Place: भोपाल                                                👤By: prativad                                                                Views: 1604

4 जून 2024। लोकसभा चुनाव की मतगणना जारी है। शाम से पहले तस्वीर साफ होने की उम्मीद है। नंबर वन रहने की आदत बना चुका इंदौर अब लोकसभा चुनाव में भी कई मामलों में नंबर वन रहा है। नोटा में सबसे ज्यादा वोट देने के साथ यहां लोकसभा चुनाव की इतिहास में सबसे बड़ी जीत भी हुई है। भाजपा के शंकर लालवानी रिकॉर्ड वोटों से जीते हैं।

सुबह 12 बजे तक हुई 19 राउंड की काउंटिंग के मुताबिक नोटा को 1 लाख से अधिक वोट मिल चुके थे। इसे देखते हुए लगता है कि देश में इंदौर नोटा के मामले में बड़ा रिकॉर्ड बनाने की ओर अग्रसर है। बता दें कि इंदौर सीट से कांग्रेस प्रत्याशी ने ऐन मौके पर नामांकन वापस ले लिया था और बीजेपी ज्वाइन कर ली थी। इस धोखेबाजी से इंदौर में कांग्रेस में आक्रोश फैल गया। कोई उपाय न देखते हुए कांग्रेस ने विरोधस्वरूप नोटा को वोट करने की तगड़ी मुहिम चलाई। काउंटिंग में इसका असर देखने को मिल रहा है।

अभी तक नोटा के मामले बिहार के गोपालगंज के नाम था रिकॉर्ड
देश में नोटा के पक्ष में सर्वाधिक वोट अब इंदौर के नाम होने वाले हैं। 2019 के लोकसभा चुनाव में बिहार के गोपालगंज में मतदाताओं ने नोटा के पक्ष में 51607 वोट दिए थे। अब इंदौर में भाजपा उम्मीदवार शंकर लालवानी और नोटा के बीच जारी प्रतिस्पर्धा के बीच 16वें राउंड में इंदौर के मतदाताओं ने नोटा के पक्ष में 94244 वोट दिए हैं, जो अब तक के मतदान रिकॉर्ड में सर्वाधिक है। रुझानों को देखकर लग रहा है कि नोटा को मिलने वाले वोट डेढ़ लाख से ऊपर भी जा सकते हैं। कांग्रेसी अब यही देखकर यहां खुश हो रहे हैं।

सुमित्रा महाजन ने जताई थी नाराजगी
कांग्रेस प्रत्याशी अक्षय कांति बम द्वारा ऐन मौके पर नामांकन वापस लेकर बीजेपी ज्वाइन करने से इंदौर में कांग्रेसियों के अलावा आम जनता में भी गलत मैसेज गया। यहां तक कि बीजेपी की वरिष्ठ नेत्री सुमित्रा महाजन ने भी इस प्रकार की गतिविधि का विरोध किया था। कई सामाजिक संगठनों ने भी इसका विरोध कर नाराजगी जताई थी। सुमित्रा महाजन को कई वरिष्ठ नागरिकों ने फोन करके अपने दिल की बात बताई थी कि वे लोग भले ही अब तक बीजेपी को वोट देते आए लेकिन इस बार नोटा को वोट देंगे।

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