मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव: "शासकीय अधिकारी-कर्मचारी समाज के सेवक हैं"

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Place: भोपाल                                                👤By: prativad                                                                Views: 802

10 जून 10 2024। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने आज कहा कि शासकीय अधिकारी और कर्मचारी सरकार के नहीं, बल्कि समाज के सेवक हैं। उनकी कार्यशैली में मानवीयता और संवेदना का होना आवश्यक है। शासकीय सेवकों को मिले अधिकार जन-आकांक्षाओं और जनहित की पूर्ति के लिए हैं, और उनकी जनता के प्रति जिम्मेदारी है। शासकीय सेवा न केवल बहुमुखी प्रतिभा का प्रदर्शन करने का अवसर प्रदान करती है, बल्कि यह एक परीक्षा भी है। उन्होंने कहा कि शासकीय सेवा केवल नौकरी नहीं, बल्कि समाज के लिए सर्वश्रेष्ठ करने की एक बड़ी जिम्मेदारी है। यह बातें मुख्यमंत्री ने प्रशासन अकादमी भोपाल में भारतीय प्रशासनिक सेवा, भारतीय वन सेवा और राज्य सिविल सेवा अधिकारियों के संयुक्त आधारभूत प्रशिक्षण कार्यक्रम का उद्घाटन करते हुए कही। उन्होंने यह संबोधन नई दिल्ली से ऑनलाइन किया।

मुख्यमंत्री ने प्रशिक्षुओं से संवाद किया
आर.सी.पी.वी. नरोन्हा प्रशासन एवं प्रबंधकीय अकादमी भोपाल में भारतीय प्रशासनिक सेवा 2023 बैच का राज्य प्रशिक्षण कार्यक्रम, भारतीय वन सेवा 2022 बैच का आधारभूत प्रशिक्षण कार्यक्रम और राज्य सिविल सेवा 2019-20 बैच का संयुक्त आधारभूत प्रशिक्षण कार्यक्रम 10 जून से शुरू हुआ। इस कार्यक्रम का उद्घाटन अपर मुख्य सचिव सामान्य प्रशासन और महानिदेशक प्रशासन अकादमी श्री विनोद कुमार, अपर मुख्य सचिव वन श्री जे.एन. कंसोटिया, सचिव सामान्य प्रशासन श्रीमती जी.वी. रश्मि और संचालक प्रशासन अकादमी श्री मुजीबुर्रहमान ने दीप प्रज्वलित कर किया। इस अवसर पर प्रशासन अकादमी के संकल्प गीत का गायन भी हुआ और सभी प्रशिक्षुओं ने अपना परिचय दिया।

लोकहित में किया गया कार्य ही सुशासन है
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि शासकीय अधिकारियों और कर्मचारियों से सुशासन की अपेक्षा की जाती है। उन्होंने सुशासन की व्याख्या करते हुए कहा कि लोकहित में किया गया कार्य ही सुशासन है। भगवान श्री राम का रामराज्य, सम्राट विक्रमादित्य और सम्राट अशोक का कार्यकाल प्रशासनिक दक्षता और सुशासन का पर्याय माना जाता है। उन्होंने प्रशिक्षुओं से समय का सर्वश्रेष्ठ उपयोग करने और अपनी क्षमता और योग्यता के बल पर निरंतर आगे बढ़ने का प्रयास करने का आग्रह किया।

निर्भिक और निस्वार्थ कर्मयोगी बनें
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने प्रशिक्षुओं को निर्भिक और निस्वार्थ रहते हुए कर्मयोगी की तरह काम करने, अपनी कार्यशैली में पारदर्शिता, ईमानदारी और कर्तव्यनिष्ठा को बनाए रखने और नई विधाओं और नवाचारों को अपनाने के लिए प्रेरित किया। उन्होंने सभी के उज्ज्वल भविष्य की कामना की।

प्रशिक्षण प्राप्त करेंगे 151 प्रशिक्षु
अपर मुख्य सचिव और महानिदेशक प्रशासन अकादमी विनोद कुमार ने कहा कि चयनित प्रतिभाओं को लोकसेवा के प्रति उन्मुख करना आधारभूत प्रशिक्षण का मुख्य उद्देश्य है। प्रशिक्षण में मध्यप्रदेश की प्रशासनिक संरचना, प्रशासक प्रणाली और नियम प्रक्रियाओं को शामिल किया गया है। साथ ही, प्रतिभागियों को प्रदेश की सामाजिक, आर्थिक, भौगोलिक और सांस्कृतिक पहलुओं से भी परिचित कराया जाएगा। संचालक प्रशासन अकादमी श्री मुजीबुर्रहमान ने बताया कि संयुक्त आधारभूत प्रशिक्षण कार्यक्रम में भारतीय प्रशासनिक सेवा के 9, भारतीय वन सेवा के 15 और राज्य सिविल सेवा के 127 प्रशिक्षु प्रशिक्षण प्राप्त करेंगे।

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