सरकारी अधिकारियों की शिकायत के लिए पहचान जरूरी: सरकार का नया आदेश

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Place: भोपाल                                                👤By: prativad                                                                Views: 830

21 जून 2024। मध्य प्रदेश सरकार ने एक नया आदेश जारी किया है जिसके तहत अब आप गुमनाम रहकर सरकारी कर्मचारियों और अधिकारियों के खिलाफ भ्रष्टाचार की शिकायत नहीं कर सकेंगे। शिकायत दर्ज कराने के लिए आपको अपना नाम या पता देना अनिवार्य होगा। यदि शिकायत में यह जानकारी नहीं होगी, तो उसे खारिज कर दिया जाएगा।

सरकार का आदेश और उसकी मंशा

सामान्य प्रशासन विभाग (GAD) ने इस नए आदेश को सभी विभागों को भेजा है। आदेश में स्पष्ट किया गया है कि गुमनाम शिकायतें अब स्वीकार नहीं की जाएंगी और उन्हें नष्ट कर दिया जाएगा। हालांकि, अगर शिकायतकर्ता चाहता है कि उसका नाम गोपनीय रखा जाए, तो उसका पता जरूर होना चाहिए ताकि जरूरत पड़ने पर संपर्क किया जा सके। गलत पता देने पर भी शिकायत को खारिज कर दिया जाएगा।

पुराना आदेश, नई याद दिलाई

GAD के अधिकारियों के मुताबिक, यह आदेश नया नहीं है बल्कि 2007 के निर्देशों की पुनः पुष्टि है। इस आदेश के अनुसार, भ्रष्टाचार की शिकायतों की गंभीरता का मूल्यांकन किया जाता है और शिकायतकर्ता से संपर्क करने पर ही आगे की कार्रवाई की जाती है। गोपनीयता की स्थिति में भी ठोस सबूत मिलने पर ही कार्रवाई संभव है।

शिकायतकर्ता को कार्रवाई की जानकारी मिलनी चाहिए

अधिकारियों का कहना है कि भ्रष्टाचार की शिकायतों की जांच एक महीने के भीतर पूरी होनी चाहिए। जांच के परिणाम और की गई कार्रवाई की जानकारी शिकायतकर्ता को भी दी जानी चाहिए। अगर किसी कर्मचारी या अधिकारी के खिलाफ शिकायत सही पाई जाती है, तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई होनी चाहिए।

इस आदेश के पीछे की मंशा पर सवाल उठ रहे हैं, क्योंकि इसे व्हिसल ब्लोअर को हतोत्साहित करने के प्रयास के रूप में भी देखा जा रहा है। हालांकि, प्रशासन का कहना है कि यह कदम पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित करने के लिए उठाया गया है।

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