22 जून 2024: मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने प्रदेश के बड़े नगरों के लिए नए ट्रैफिक प्लान की आवश्यकता पर जोर देते हुए महत्वपूर्ण कदम उठाने की घोषणा की है। इनमें सबसे महत्वपूर्ण कदम इंदौर-उज्जैन के बीच मेट्रो ट्रेन संचालन का निर्णय है, जो सिंहस्थ 2028 में श्रद्धालुओं के लिए सुविधाजनक होगा। इस परियोजना के लिए फिजिबिलिटी सर्वे रिपोर्ट प्राप्त हो चुकी है। जल्द ही इंदौर एयरपोर्ट से महाकाल मंदिर तक वंदे मेट्रो सेवा शुरू होगी, जो प्रदेशवासियों और देश-विदेश से आने वाले पर्यटकों के लिए एक बड़ी सौगात होगी।
शनिवार को मुख्यमंत्री निवास कार्यालय में आयोजित बैठक में भोपाल और इंदौर मेट्रो प्रोजेक्ट की प्रगति की समीक्षा की गई। जानकारी दी गई कि भोपाल में एम्स से करोंद चौराहे तक 16.74 किलोमीटर लंबाई की मेट्रो लाइन तीन चरणों में पूरी होगी। पहले चरण में 7 किलोमीटर में 8 एलिवेटेड स्टेशन होंगे। वहीं, इंदौर मेट्रो परियोजना कुल 31.32 किलोमीटर लंबाई में होगी, जिसमें 28 स्टेशन होंगे।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि भोपाल, इंदौर, ग्वालियर, जबलपुर और उज्जैन जैसे बड़े नगरों में सुगम यातायात के लिए मेट्रो के साथ वंदे मेट्रो, रोप-वे, इलेक्ट्रिक-बस और केबल-कार जैसे साधनों का उपयोग किया जाएगा। आगामी आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए स्थानीय जनप्रतिनिधियों की सहमति से आवश्यक प्रबंध किए जाएंगे। उज्जैन से ओंकारेश्वर, भोपाल से इंदौर और जबलपुर से ग्वालियर के रूट पर भी आवश्यक निर्णय लिए जाएंगे।
मुख्यमंत्री ने बताया कि केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव के साथ चर्चा में विभिन्न नगरों के लिए वंदे मेट्रो चलाने पर सहमति बनी है। इन सर्किल ट्रेनों से यातायात का दबाव कम होगा और यह नागरिकों के लिए एक बड़ी सौगात होगी। औद्योगिक क्षेत्रों जैसे पीथमपुर और देवास को लाभान्वित करने के लिए भी वंदे मेट्रो के संचालन पर चर्चा हुई है।
बैठक में नगरीय विकास एवं आवास मंत्री कैलाश विजयवर्गीय, राज्य मंत्री श्रीमती प्रतिमा बागरी, मुख्य सचिव श्रीमती वीरा राणा, अपर मुख्य सचिव मुख्यमंत्री कार्यालय डॉ. राजेश राजौरा, प्रमुख सचिव मुख्यमंत्री कार्यालय संजय कुमार शुक्ला, प्रमुख सचिव नगरीय विकास एवं आवास नीरज मंडलोई और मध्यप्रदेश मेट्रो रेल कार्पोरेशन लिमिटेड के अधिकारी उपस्थित थे।
भोपाल मेट्रो रेल परियोजना की प्रगति:
कुल 16 स्टेशन होंगे: 14 एलिवेटेड और 2 भूमिगत।
पहले चरण में 7 किलोमीटर में 8 एलिवेटेड स्टेशन होंगे।
दूसरे चरण में भदभदा चौराहे से रत्नागिरी तिराहा तक 14.21 किलोमीटर में 14 एलिवेटेड स्टेशन बनेंगे।
तीसरे चरण में सुभाष नगर से करोंद चौराहा तक 9.74 किलोमीटर का कार्य शामिल है।
पहले चरण का व्यावसायिक परिचालन जल्द ही शुरू होगा और दूसरे व तीसरे चरण का कार्य 2027 तक पूरा होगा।
मेट्रो ट्रेन में यात्रियों के लिए सुविधाएं:
स्टेशन पर सुरक्षा जांच, पेयजल, वॉशरूम, प्राथमिक चिकित्सा, व्हीलचेयर, स्ट्रेचर, मैनुअल कॉल पॉइंट, अग्निशामक उपकरण, लिफ्ट, स्वचालित सीढ़ियां, प्लेटफार्म स्क्रीन डोर, यात्री सूचना प्रणाली, आपातकालीन सहायता बटन जैसी सुविधाएं होंगी।
ट्रेन में एयर कंडीशनिंग, ग्रैब पोल और ग्रैब हैंडल, बैठक व्यवस्था, यात्री उद्घोषणा, कैमरा, मोबाइल चार्जिंग पाइंट, आपातकालीन संचार प्रणाली, आपातकालीन निकासी द्वार, धुआं/आग डिटेक्शन जैसी सुविधाएं होंगी।
महिलाओं और दिव्यांग जनों का विशेष ध्यान रखा जाएगा। शिशु देखभाल कक्ष भी उपलब्ध होगा।
इन परियोजनाओं के कार्यान्वयन से मध्यप्रदेश के प्रमुख शहरों में यातायात सुविधाएं बेहतर होंगी और यातायात की भीड़ में कमी आएगी।
इंदौर-उज्जैन के बीच शुरू होगा मेट्रो ट्रेन संचालन: मुख्यमंत्री डॉ. यादव
Place:
भोपाल 👤By: prativad Views: 2485
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