
2 अगस्त 2024: मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने उद्यानिकी और खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र को प्रदेश की अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने और रोजगार के अवसर पैदा करने के लिए महत्वपूर्ण बताया है। उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण विभाग की समीक्षा बैठक में उन्होंने कई महत्वपूर्ण निर्देश दिए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि उद्यानिकी और खाद्य प्रसंस्करण को सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्योगों (एमएसएमई) के साथ जोड़कर सभी जिलों में उद्यमिता को बढ़ावा दिया जाना चाहिए। किसानों और उनके परिवारों को जोड़ने के लिए स्व-सहायता समूह बनाने पर भी जोर दिया।
मुख्यमंत्री द्वारा घोषित प्रमुख पहलें:
हाई-टेक नर्सरी की स्थापना: प्रत्येक संभाग में आधुनिक नर्सरी स्थापित करना।
अलग मसाला मंडी: राज्य को मसालों के उत्पादन में अग्रणी राज्य होने के कारण, मसालों के लिए अलग मंडी विकसित करना।
जैविक उत्पादन को बढ़ावा: फल, सब्जी और औषधीय पौधों के जैविक उत्पादन को बढ़ावा देना और साथ ही निर्जलीकरण प्लांट और गामा विकिरण सुविधाएं स्थापित करना।
क्षेत्रीय उत्पादों का ब्रांडिंग: राज्य के संतरे, केले, पान, लहसुन और अन्य कृषि उत्पादों को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाने के लिए विशेष प्रयास करना।
विभाग का बजट बढ़ाना: बाजार की मांग के अनुसार गतिविधियों के लिए उद्यानिकी और खाद्य प्रसंस्करण विभाग का बजट बढ़ाना।
उपलब्धियों को सम्मानित करना: उद्यानिकी और खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र में बेहतर काम करने वालों को सम्मानित करना।
किसानों की चिंताओं का समाधान: मुख्यमंत्री ने किसानों को समर्थन का आश्वासन दिया और विभाग से किसानों को आधुनिक कृषि तकनीकों और सरकारी योजनाओं के बारे में शिक्षित करने के लिए कार्यशाला आयोजित करने का अनुरोध किया। उन्होंने यह सुनिश्चित करने पर जोर दिया कि किसानों को उनकी उपज का उचित मूल्य मिले।
वर्तमान स्थिति और भविष्य की योजनाएं: बैठक में राज्य की फल और सब्जी खेती में उपलब्धियों के साथ-साथ 'एक पेड़ मां के नाम' अभियान के माध्यम से बागवानी को बढ़ावा देने के प्रयासों पर प्रस्तुतीकरण दिया गया। विभाग ने अब तक 18 लाख फलदार पौधे लगाए हैं।
आगे की राह: मुख्यमंत्री की उद्यानिकी और खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र के लिए महत्वाकांक्षी योजना है जिसका उद्देश्य ग्रामीण आजीविका को बदलना और राज्य की अर्थव्यवस्था को मजबूत करना है। जैविक खेती, मूल्य वर्धन और बाजार संपर्क पर ध्यान केंद्रित करके मध्य प्रदेश भारतीय कृषि परिदृश्य में एक प्रमुख खिलाड़ी बन सकता है।