सायबर क्राइम के बढ़ते मामलों पर केंद्र सरकार ने बनाई समिति
10 जनवरी 2025। भारत में सायबर क्राइम की घटनाएं तेजी से बढ़ रही हैं। सरकार और जांच एजेंसियों की सख्ती के बावजूद सायबर अपराधियों के गिरोह लगातार वारदात कर रहे हैं। इन घटनाओं की रोकथाम के लिए केंद्र सरकार ने राज्यसभा के सदस्यों की एक समिति बनाई है। इस समिति को राज्यों का दौरा कर सायबर सिक्योरिटी के लिए किए गए इंतजामों का आकलन करने की जिम्मेदारी दी गई है।
जबलपुर में आयोजित हुई बैठक, सांसदों की उदासीनता
मध्यप्रदेश के जबलपुर में राज्यसभा की सूचना और संचार प्रौद्योगिकी प्रबंधन समिति की बैठक प्रस्तावित थी। इसमें समिति के 9 सदस्यों को शामिल होना था, लेकिन केवल 2 सदस्य ही बैठक में पहुंचे। समिति के अध्यक्ष निरंजन बिशी और सदस्य गुलाम अली ने बैठक में भाग लिया, जबकि अन्य 7 सांसद अनुपस्थित रहे।
सायबर सिक्योरिटी पर मध्यप्रदेश सरकार की प्रस्तुति
बैठक का उद्देश्य डिजिटल अपराधों और सायबर क्राइम की रोकथाम के लिए उपाय खोजना था। मध्यप्रदेश सरकार ने इस अवसर पर अपनी सायबर सिक्योरिटी की तैयारियों का प्रेजेंटेशन दिया। अपर मुख्य सचिव संजय दुबे ने समिति के समक्ष बताया कि प्रदेश में सायबर सुरक्षा के लिए क्या कदम उठाए गए हैं।
बैठक में बैंकों और डाक विभाग की भागीदारी
बैठक में भारतीय स्टेट बैंक, सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया, पंजाब नेशनल बैंक और डाक विभाग के अधिकारियों ने भी भाग लिया। इन संस्थानों ने डाटा सुरक्षा और सायबर क्राइम से निपटने के लिए अपनी तैयारियों का प्रेजेंटेशन दिया। हालांकि, समिति के अधिकांश सदस्यों की अनुपस्थिति के कारण अधिकारियों को निराशा हुई।
मध्यप्रदेश में सायबर क्राइम के आंकड़े
मध्यप्रदेश में सायबर क्राइम के मामले लगातार बढ़ रहे हैं। 2023 और 2024 के आंकड़े बताते हैं:
2024 में भोपाल में साइबर ठगी: 61 करोड़ रुपये से अधिक की रकम सायबर अपराधियों ने लोगों के बैंक खातों से उड़ा ली।
2023 की तुलना में तीन गुना वृद्धि: 2023 में ठगी का आंकड़ा 20 करोड़ रुपये था।
सायबर ठगी के कुल मामले: 2024 में 7,800 से अधिक मामले दर्ज हुए।
डेटा चोरी: 3,200 मामले।
फेक सोशल मीडिया प्रोफाइल और ऑनलाइन ब्लैकमेलिंग: 1,500 से अधिक मामले।
ऑनलाइन वित्तीय धोखाधड़ी: 4,500 मामले।
पुलिस ने 60% मामलों का समाधान किया, लेकिन 2024 में ठगी की बढ़ती रकम ने डिजिटल सुरक्षा के प्रयासों को गंभीर चुनौती दी है।
सांसदों की उदासीनता पर सवाल
बैठक में संसदीय समिति के अधिकांश सदस्यों की अनुपस्थिति ने सवाल खड़े कर दिए हैं। वरिष्ठ पत्रकार रविंद्र दुबे ने कहा, "सायबर सिक्योरिटी जैसे गंभीर मुद्दे पर सांसदों की उदासीनता जनता के पैसे और समय की बर्बादी है। यह दर्शाता है कि इस समस्या को लेकर उनकी प्रतिबद्धता कितनी कमजोर है।"
आवभगत के बावजूद रुचि नहीं
जबलपुर जिला प्रशासन ने समिति के सदस्यों के लिए फाइव-स्टार होटल में ठहरने और अन्य व्यवस्थाओं की व्यापक तैयारी की थी। लेकिन इसके बावजूद सांसदों की रुचि की कमी ने प्रशासन और अधिकारियों को निराश किया।
सायबर क्राइम से निपटने की जरूरत
सायबर क्राइम के बढ़ते मामलों को देखते हुए विशेषज्ञों का कहना है कि तकनीकी संसाधनों में सुधार, साइबर जागरूकता अभियान, और ठोस नीति-निर्माण की आवश्यकता है। सांसदों और सरकार की सक्रिय भागीदारी से ही इस समस्या का समाधान संभव है।
डिजिटल सुरक्षा पर बढ़ती चुनौती
भोपाल में 61 करोड़ रुपये की ठगी और 2023 की तुलना में तीन गुना वृद्धि यह स्पष्ट करती है कि सायबर सिक्योरिटी के लिए ठोस कदम उठाने की जरूरत है। मध्यप्रदेश में पुलिस और प्रशासन के प्रयासों के बावजूद, संसदीय समिति के सदस्यों की सक्रियता से ही इस समस्या का दीर्घकालिक समाधान संभव हो सकेगा।
सायबर सुरक्षा पर चर्चा अधूरी: सांसदों की कमी से गंभीर मुद्दा अनदेखा
Place:
भोपाल 👤By: prativad Views: 171
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