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मप्र में साइबर ठगी: श्रीलंका की सिम से पाकिस्तान तक पहुंचा नेटवर्क

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Place: भोपाल                                                👤By: prativad                                                                Views: 1308

जस्टिस पी.के. अग्रवाल की टिप्पणी: मामला गंभीर और अंतरराष्ट्रीय स्तर का

2 जनवरी 2025। मध्यप्रदेश हाईकोर्ट ने करोड़ों रुपये के साइबर अपराध में शामिल आरोपी बाबूलाल उर्फ बबलू की जमानत याचिका को खारिज कर दिया है। जस्टिस पी.के. अग्रवाल की एकलपीठ ने इस मामले को गंभीर और अंतरराष्ट्रीय स्तर का मानते हुए जमानत देने से इनकार कर दिया।

श्रीलंका की सिम और पाकिस्तान कनेक्शन
सुनवाई के दौरान खुलासा हुआ कि आरोपी बाबूलाल श्रीलंका की सिम का उपयोग कर पाकिस्तान के 'गनी बाबा' नामक व्यक्ति के लिए काम कर रहा था। उसने कई भारतीय नागरिकों के बैंक अकाउंट डिटेल्स पाकिस्तान भेजे, जिनका उपयोग मध्यप्रदेश समेत अन्य राज्यों में साइबर ठगी के लिए किया गया। इस घोटाले में बाबूलाल के साथ मध्यप्रदेश के कुछ स्थानीय लोग भी शामिल थे।

क्या है ठगी का पाकिस्तानी कनेक्शन?
अगस्त 2024 में भोपाल क्राइम ब्रांच ने शिवम शर्मा की शिकायत पर कार्रवाई करते हुए वैभव और एक अन्य आरोपी को बैंक फ्रॉड के मामले में गिरफ्तार किया था। जांच में पता चला कि आरोपी भोपाल, सीहोर और आष्टा के भोले-भाले लोगों से उनके बैंक अकाउंट किराए पर लेता था। इन अकाउंट्स का उपयोग ऑनलाइन ठगी से मिली रकम को ट्रांसफर करने में किया जाता था।

जांच में नया मोड़ तब आया जब पता चला कि वैभव और उसका साथी ठगी की रकम बाबूलाल को भेजते थे। पुलिस ने बाबूलाल को गिरफ्तार किया, जिसके पास से श्रीलंका की सिम और पाकिस्तान से जुड़े सबूत बरामद हुए।

क्रिप्टोकरेंसी के जरिए फंड ट्रांसफर
हाईकोर्ट में पेश किए गए सबूतों के अनुसार, बाबूलाल ठगी से मिली रकम को बैंक खातों से निकालकर क्रिप्टोकरेंसी में बदल देता था। इसके बाद वह यह क्रिप्टोकरेंसी पाकिस्तान के मास्टरमाइंड 'गनी बाबा' को भेजता था। इसके बदले उसे और उसके साथियों को कमीशन मिलता था।

शिवम शर्मा की शिकायत से हुआ खुलासा
इस पूरे मामले का खुलासा तब हुआ जब भोपाल निवासी शिवम शर्मा ने अपने बैंक खाते में बड़ी राशि और संदिग्ध ट्रांजेक्शन देखे। शिवम ने बताया कि वैभव ने लोन दिलाने के बहाने उसका बैंक खाता, ब्लैंक चेक और एटीएम कार्ड ले लिया था। इसके बाद पुलिस ने वैभव, उसके साथी और मुख्य आरोपी बाबूलाल को गिरफ्तार किया।

कोर्ट का निर्णय
जस्टिस पी.के. अग्रवाल ने कहा कि यह मामला गंभीर और अंतरराष्ट्रीय स्तर का है। क्राइम ब्रांच द्वारा पेश किए गए सबूतों के आधार पर हाईकोर्ट ने आरोपी बाबूलाल की जमानत याचिका खारिज कर दी।

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