6 जनवरी 2024। भोपाल गैस त्रासदी के बाद यूनियन कार्बाइड के जहरीले कचरे को नष्ट करने के मामले में मध्य प्रदेश हाई कोर्ट ने राज्य सरकार को 6 हफ्ते का समय दिया है। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने इस फैसले के लिए हाई कोर्ट का आभार व्यक्त किया है। उन्होंने कहा, "हम हाई कोर्ट के परामर्श के अनुसार ही आगे बढ़ेंगे। सभी पक्षों को अपनी बात रखने का मौका मिलना चाहिए।"
याचिका पर हाई कोर्ट की सुनवाई
सोमवार को जबलपुर हाई कोर्ट में इस मामले की सुनवाई हुई। राज्य सरकार ने कोर्ट में हलफनामा देकर कहा कि जनता का भरोसा जीतने के बाद 6 सप्ताह के भीतर कचरे का निपटारा किया जाएगा। कोर्ट ने इस दलील को स्वीकार करते हुए सरकार को 6 हफ्ते का समय दिया।
पीथमपुर में कचरा जलाने का मुद्दा
पीथमपुर में यूनियन कार्बाइड के कचरे को जलाने को लेकर विरोध जारी है। मुख्यमंत्री ने कहा, "हमने हाई कोर्ट के निर्देश पर ही कचरे को पीथमपुर शिफ्ट किया था। लेकिन जन भावनाओं और सभी पक्षों को सुनना भी जरूरी है। हाई कोर्ट ने इस बात को समझा और सभी पक्षों को सुनने के लिए समय दिया है।"
यूनियन कार्बाइड के कचरे के निष्पादन संबंधी माननीय न्यायालय के निर्देशानुसार ही हमने कचरे को भोपाल से पीथमपुर भेजा है...
— Dr Mohan Yadav (@DrMohanYadav51) January 6, 2025
माननीय न्यायालय के निर्देशों का पालन करते हुए ही आगे का कार्य होगा; जनता किसी भी प्रकार की अफवाह पर ध्यान न दे, यही आग्रह है। pic.twitter.com/Cv23N20cf7
सीएम मोहन यादव का बयान
सीएम यादव ने कहा, "हमने जो बातें कोर्ट में रखी हैं, वे सरकार की मंशा को साफ करती हैं। हमारी आस्था और विश्वास न्यायालय में है। सभी पक्ष न्यायालय के सामने अपनी बात रखें। हमें विश्वास है कि फैसला सबकी अपेक्षाओं के अनुरूप होगा।"
हाई कोर्ट का निर्देश
हाई कोर्ट ने सरकार को निर्देश दिया है कि यूनियन कार्बाइड के कचरे को 12 कंटेनरों से फैक्ट्री के स्टोर में खाली किया जाए। साथ ही, पीथमपुर में उठ रहे विरोध को शांत करने और जनभावनाओं का सम्मान करते हुए उचित कदम उठाए जाएं।
यह मामला 40 साल पुराने सबसे जटिल मुद्दों में से एक है, जिसे सुलझाने के लिए सरकार के पास अब 6 हफ्तों का समय है।