
3 मार्च 2025। अंडे के पोषण संबंधी लाभों को लेकर वर्षों से कई मिथक प्रचलित हैं। इनमें सबसे आम धारणा यह है कि अंडे की जर्दी स्वास्थ्य के लिए हानिकारक होती है और केवल अंडे का सफेद भाग ही खाना चाहिए। इस धारणा के पीछे मुख्य कारण यह माना जाता है कि जर्दी में वसा और कोलेस्ट्रॉल होता है, जो मोटापे और हृदय रोगों का कारण बन सकता है। लेकिन क्या यह सच है? आइए इस पर वैज्ञानिक दृष्टिकोण से विचार करें।
अंडे की जर्दी के फायदे
अंडे की जर्दी केवल कोलेस्ट्रॉल और वसा का स्रोत नहीं है, बल्कि यह कई आवश्यक पोषक तत्वों से भरपूर होती है:
प्रोटीन और स्वस्थ वसा: अंडे की जर्दी में ओमेगा-3 वसा सहित असंतृप्त वसा होती है, जो हृदय के लिए लाभकारी होती है।
महत्वपूर्ण विटामिन्स: इसमें राइबोफ्लेविन, विटामिन-डी और विटामिन बी-12 होता है, जो समग्र स्वास्थ्य के लिए आवश्यक हैं।
मस्तिष्क और हृदय के लिए फायदेमंद: यह मस्तिष्क के कार्य को बेहतर बनाने, हड्डियों को मजबूत करने, और हृदय को स्वस्थ बनाए रखने में सहायक होता है।
आंखों की सुरक्षा: यह आंखों की बीमारियों के जोखिम को कम करता है।
क्या सिर्फ अंडे का सफेद भाग खाना बेहतर है?
अंडे की सफेदी में भी प्रोटीन की भरपूर मात्रा होती है, लेकिन इसमें अन्य आवश्यक पोषक तत्वों की कमी होती है, जो संपूर्ण पोषण के लिए आवश्यक होते हैं।
एक दिन में कितनी अंडे की जर्दी सुरक्षित है?
एक स्वस्थ व्यक्ति (जिसे कोई हृदय रोग न हो) रोज़ाना दो अंडे की जर्दी खा सकता है।
हृदय रोग से पीड़ित व्यक्ति एक दिन में एक अंडे की जर्दी का सेवन कर सकता है।
क्या अंडे की जर्दी कोलेस्ट्रॉल बढ़ाती है?
नवीनतम अध्ययनों के अनुसार, आहार कोलेस्ट्रॉल का रक्त कोलेस्ट्रॉल पर उतना प्रभाव नहीं पड़ता, जितना पहले माना जाता था। इसका मतलब यह है कि संतुलित मात्रा में अंडे की जर्दी का सेवन करना स्वास्थ्य के लिए नुकसानदायक नहीं है, बल्कि यह कई पोषक तत्वों का एक बेहतरीन स्रोत है।
संतुलित आहार के लिए अंडे का संपूर्ण सेवन बेहतर होता है, क्योंकि इसमें आवश्यक प्रोटीन, विटामिन और स्वस्थ वसा होते हैं। केवल सफेद भाग खाना पोषण के महत्वपूर्ण पहलुओं को नजरअंदाज कर सकता है। इसलिए, वैज्ञानिक शोध के आधार पर, अंडे की जर्दी को बिना डर के अपने आहार में शामिल किया जा सकता है, जब तक कि इसे संतुलित मात्रा में खाया जाए।