11 नवंबर 2024। क्या आपकी जिंदगी में थकान और स्ट्रेस ने जगह बना ली है? अगर हां, तो सावधान रहें, क्योंकि आप "बर्नआउट सिंड्रोम" के शिकार हो सकते हैं। यह एक गंभीर स्थिति है, जिसमें जीवन का एक सा रूटीन व्यक्ति को मानसिक रूप से थका सकता है। मानसिक थकावट से जुड़ा यह सिंड्रोम कई बार काम में मन न लगने, ऊर्जा की कमी, और हर वक्त स्ट्रेस महसूस कराने वाला होता है।
विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) का कहना है कि बर्नआउट सिंड्रोम लंबे समय तक वर्कप्लेस पर तनाव के कारण होता है। काम में लगातार तनाव महसूस करना इसके प्रमुख लक्षणों में से एक है।
बर्नआउट सिंड्रोम के प्रमुख लक्षण:
काम में मन न लगना और ऊब महसूस होना।
जॉब को लेकर नकारात्मक विचारों का आना।
कार्य समय पर पूरा न कर पाना।
अपने टारगेट्स से दूर होना।
बर्नआउट के कारण: एक्सपर्ट्स के अनुसार, कार्यस्थल पर लंबे समय तक प्रेशर महसूस करना, सहकर्मियों के साथ टकराव, और काम की लगातार चुनौतियां बर्नआउट का कारण बन सकती हैं। यूएससी के अनुसार, लंबे समय तक स्ट्रेस में रहना और अत्यधिक विचारशीलता से व्यक्ति बर्नआउट की स्थिति में पहुंच सकता है, जिससे शारीरिक और मानसिक सेहत पर प्रतिकूल असर पड़ता है।
बर्नआउट और दिमाग पर इसका असर: न्यूरोसाइंस के अनुसार, लगातार काम में उलझे रहने से दिमाग पर बुरा असर पड़ता है। एक स्टडी बताती है कि दिमाग का एक छोटा सा हिस्सा "लॉकस कोर्यूलियस" (Locus Coeruleus) काम की गति को नियंत्रित करता है। बर्नआउट की स्थिति में इसका कार्य सही से नहीं हो पाता, जिससे मेंटल स्ट्रेस बढ़ता है।
बर्नआउट का प्रभाव:
क्रिएटिविटी और कार्य गुणवत्ता में कमी।
लंबे समय तक प्रोडक्टिविटी घट जाना।
तनाव और चिंता का बढ़ना।
गहराई से सोचने की क्षमता में कमी।
बर्नआउट से बचाव के उपाय:
काम और निजी जीवन में संतुलन बनाए रखें।
ऑफिस का काम घर पर न लाएं।
अपनी पसंदीदा गतिविधियों में शामिल हों।
परिवार और दोस्तों के साथ समय बिताएं।
पर्याप्त नींद लें।
जरूरत पड़ने पर चिकित्सीय सलाह लें।
अपने जीवन में छोटे-छोटे बदलाव लाकर और मानसिक सेहत का ध्यान रखकर बर्नआउट को दूर किया जा सकता है।
क्या आप भी महसूस कर रहे हैं बर्नआउट? जानिए इसके लक्षण और बचाव के तरीके
Place:
भोपाल 👤By: prativad Views: 596
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