
11 अप्रैल 2025। चीन ने अमेरिका की लगातार टैरिफ वृद्धि की नीति को खारिज करते हुए उसे “संख्या का निरर्थक खेल” बताया है और कहा है कि यह नीति अंततः वैश्विक आर्थिक इतिहास में एक मजाक के रूप में दर्ज की जाएगी।
शुक्रवार को जारी एक बयान में, चीन के वाणिज्य मंत्रालय ने अमेरिका पर दबाव और धमकी की रणनीति अपनाने का आरोप लगाया। मंत्रालय ने स्पष्ट किया कि वाशिंगटन द्वारा लगाए गए अतिरिक्त शुल्कों का न तो कोई ठोस आर्थिक आधार है और न ही इससे किसी सकारात्मक परिणाम की अपेक्षा की जा सकती है।
मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा, “भले ही अमेरिका टैरिफ में और वृद्धि करता रहे, इसका कोई वास्तविक आर्थिक महत्व नहीं रहेगा। यह नीति इतिहास में केवल एक विफल प्रयोग के रूप में याद की जाएगी।”
🔸 अमेरिका की आक्रामक नीति पर चीन की तीखी प्रतिक्रिया
गौरतलब है कि अमेरिका ने पिछले दो महीनों में चीन पर चार प्रमुख टैरिफ बढ़ोतरी लागू की हैं, जिससे औसत शुल्क दर 20% से बढ़कर लगभग 145% तक पहुंच चुकी है।
इसके जवाब में, चीन ने भी शुक्रवार को अमेरिकी आयातों पर 125% तक की जवाबी टैरिफ वृद्धि की घोषणा की है। हालांकि बीजिंग ने यह भी संकेत दिया कि वह भविष्य में अन्य रणनीतिक विकल्पों पर विचार कर सकता है और हर स्थिति के लिए तैयार है।
🔸 व्यापार युद्ध का असर वैश्विक अर्थव्यवस्था पर
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प का दावा है कि टैरिफ वृद्धि आवश्यक है ताकि अमेरिका-चीन व्यापार असंतुलन को सुधारा जा सके और “अमेरिका की आर्थिक लूट” को रोका जा सके। इस सप्ताह की शुरुआत में ट्रम्प ने बयान दिया था कि “गर्वीली” चीन को अंततः कोई न कोई समझौता करना ही होगा।
चीन ने इन टैरिफों के खिलाफ विश्व व्यापार संगठन (WTO) में मुकदमा दायर किया है, जिसमें वाशिंगटन पर वैश्विक व्यापार व्यवस्था को बाधित करने का आरोप लगाया गया है।
इस व्यापार विवाद ने न केवल वैश्विक शेयर बाजारों में अस्थिरता बढ़ाई है, बल्कि तेल की कीमतों को चार साल के निचले स्तर तक पहुंचा दिया है और वैश्विक सप्लाई चेन को लेकर गंभीर चिंताएं खड़ी कर दी हैं।