23 मई 2017, प्रदेश की सरकारी नौकरियों में अब मप्र के मूल निवासी व्यक्तियों को अधिक अवसर मिलेंगे जबकि प्रदेश के बाहर को लोगों को कम। यह हुआ है सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा मप्र लोक सेवा आयोग के माध्यम से भरे जाने वाले पदों एवं आयोग की परिधि के बाहर के पदों के लिये आवेदक की न्यूनतम एवं अधिकतम आयु निर्धारित किये जाने से।
शिवराज सरकार के नये निर्णय के अनुसार, अब मप्र लोक सेूवा आयोग से भरे जाने वाले राजपत्रित/अराजपत्रित/कार्यपालिक पदों के लिये न्यूनतम आयु 21 वर्ष एवं अधिकतम आयु 28 वर्ष होगी जबकि आयोग की परिधि से बाहर के तृतीय एवं चतुर्थ श्रेणी पदों के लिये न्यूनतम आयु 18 एवं अधिकतम आयु 25 वर्ष होगी।
उक्त दोनों वर्गों में मप्र के मूल निवासी अनारक्षित पुरुष हेतु अधिकतम आयु 40 वर्ष होगी जबकि महिला अनारक्षित, शासकीय/निगम/मंडल/स्वशासी संस्था के कर्मचारी-होमगार्ड सैनिक पुरुष/महिला, आरक्षित वर्ग के अंतर्गत अजाजजा/ओबीसी पुरुष/महिला, आरक्षित वर्ग के अंतर्गत शासकीय/निगम/मंडल/स्वशासी संस्था के कर्मचारी-होमगार्ड सैनिक पुरुष/महिला हेतु आयु 45 वर्ष हो सकेगी।
राज्य शासन के निर्णय में साफ कहा गया है कि प्रदेश से बाहर के अभ्यर्थियों को किसी भी स्थिति में अधिकतम आयु सीमा में छूट प्राप्त नहीं होगी मसलन उनके लिये पीएससी के माध्यम से भरे जाने वाले पदों हेतु अधिकतम आयु 28 वर्ष तथा नान पीएससी के माध्यम से भरे जाने वाले तृतीय एवं चतुर्थ श्रेणी पदों हेतु अधिकतम आयु 25 वर्ष ही रहेगी।
नान पीएससी के माध्यम से भरे जाने वाले तृतीय एवं चतुर्थ श्रैणी पदों हेतु यह भी प्रावधान किया गया है कि इसके आवेदकों का मप्र राज्य के रोजगार कार्यालय में जीवित पंजीयन होना अनिवार्य होगा। इससे मप्र के बाहर रोजगार कार्यालयों में पंजीकृत आवेदक इन पदों हेतु अपात्र होंगे।
ओपन स्कूल उत्तीर्ण भी पात्र रहेंगे :
एक अन्य निर्णय में कहा गया है कि राज्य सरकार के पदों हेतु मप्र राज्य मुक्त स्कूल शिक्षा परिषद भोपाल द्वारा आयोजित हाईस्कूल कक्षा दसवीं एवं हायर सेकेण्ड्री कक्षा 12 वीं उत्तीर्ण व्यक्ति भी पात्र होंगे तथा ओपन स्कूल की इन दोनों परीक्षा उत्तीर्ण आवेदक को मप्र माध्यमिक शिक्षा मंडल द्वारा आयोजित दसवीं एवं बारहवीं कक्षा उत्तीर्ण के समकक्ष माना जायेगा।
सामान्य प्रशासन विभाग के उप सचिव सीबी पडवार ने बताया कि पीएससी एवं नान पीएससी के पदों हेतु नवीन न्यूनतम एवं अधिकतम आयु निर्धारित की गई है जिससे अब मप्र के मूल निवासी लोगों को अधिक अवसर मिलेंगे और बाहरी राज्यों के उम्मीदवारों को कम। दिल्ली, झारखण्ड, हरियाणा आदि में भी इसी तरह के प्रावधान हैं जो अब अपने प्रदेश में भी कर दिये गये हैं। ओपन स्कूल की दसवीं एवं बारहवीं कक्षा के प्रमाणपत्र को भी सरकारी पदों हेतु मान्यता दे दी गई है। ये दोनों आदेश राज्यपाल के माध्यम से जारी किये गये हैं तथा अब आगे होने वाली परीक्षायें इसी आधार पर आयोजित होंगी।
- डॉ नवीन जोशी
प्रदेश की सरकारी नौकरियों में अब मप्र के निवासियों को अधिक अवसर
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