
10 जून 2017, सीएम हेल्पलाईन को और अधिक प्रभावी बनाने के लिये राज्य सरकार ने निर्णय लिया है कि जो अधिकारी उनसे संबंधित शिकायत का निराकरण नहीं करेंगे उनकी सीआर में प्रतिकूल टिप्पणी लिखी जायेगी।
राज्य सरकार ने कुछ दिन पहले आईएएस जिला कलेक्टरों एवं आईएएस जिला पंचायतों के मुख्य कार्यपालन अधिकारियों के लिये अनिवार्य किया था कि वे अपनी सीआर में ग्रामोदय अभियान की प्रगति स्पष्ट रुप से दर्ज करायें। अब सरकार ने सीएम हेल्पलाईन के संबंध में ऐसा ही एक और निर्णय लिया है।
सभी विभागों, संभागायुक्तों, जिला कलेक्टरों एवं जिपं के सीईओ को परिपत्र भेजकर कहा गया है कि सीएम हेल्पलाईन में दर्ज शिकायतों के निराकरण की समय-सीमा पर मुख्यमंत्री, मुख्य सचिव एवं विभागीय अधिकारियों द्वारा समीक्षा की जाती है। सीएम हेल्पलाईन के परिचालन में यह पाया गया है कि कुछ अधिकारी अपनी जिम्मेदारी के अनुरुप समय-सीमा में शिकायतों पर कोई कार्यवाही किये बिना ही शिकायतें अगले लेवल पर प्रेषित कर देते हैं। इससे सीएम हेल्पलाईन का परिचालन एवं प्रदर्शन प्रभावित हो रहा है। ऐसे अधिकारियों जिनके द्वारा शिकायतों का बिना निराकरण किये ही उसे अगले लेवल पर प्रेषित कर दिया जाता है और इससे मामलों की संख्या एवं प्रतिशत अधिक हो गया है एवं संतुष्टिप्रद निराकरण औसत से कम है एन अधिकारियों की वार्षिक गोपनीय चरित्रावली में सीएम हेल्पलाईन में जिम्मेदारी से काम नहीं करने की टीप अंकित करने की कार्यवाही की जाये।
- डॉ नवीन जोशी