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जेट्रोफा घोटाले के आरोपी 24 इंजीनियरों के विरुध्द अब सरकार लेगी फैसला

Place: Bhopal                                                👤By: PDD                                                                Views: 17933

26 अगस्त 2017। प्रदेश के श्योपुर जिले के अंतर्गत चंबल नदी के किनारे जेट्रोफा पौधरोपण में करीब तीन करोड़ रुपयों का घोटाला करने के आरोपी जल संसाधन विभाग के 24 इंजीनियरों के खिलाफ कार्यवाही करने का फैसला अब राज्य सरकार लेगी। इसके लिये इन सभी 24 इंजीनियरों को आगामी 4 सितम्बर को जल संसाधन विभाग के प्रमुख सचिव पंकज अग्रवाल ने अपने कक्ष में सुनवाई हेतु बुलाया है तथा उनसे कहा है कि वे अपना पक्ष आवश्यक अभिलेखों के साथ रख सकते हैं और यदि वे सुनवाई के दिन अनुपस्थित रहते हैं तो यह माना जायेगा कि वे इस घोटाले के संबंध में कुछ नहीं कहना चाहते हैं और मामले में एक पक्षीय कार्यवाही की जायेगी।



उल्लेखनीय है कि जल संसाधन संभाग श्योपुर के अंतर्गत कुछ वर्ष पहले मनरेगा योजना के तहत चंबल नहर किनारे जेट्रोफा पौधरोपण कार्य में भारी अनियमितता हुई थी तथा इस कागजों में करना दिखाया गया था जबकि हकीकत में यह पौधरोपण हुआ ही नहीं था। सरकार के समक्ष यह घोटाला आने पर जल संसाधन विभाग के 24 इजीनियरों के विरुध्द विभागीय जांच बैठाई गई थी। जांच अधिकारी ने गत वर्ष 28 मार्च 2016 को अपनी रिपोर्ट पेश कर दी थी जिसमें उसने इन सभी इंजीनियरों को दोषी पाया था। इस जांच रिपोर्ट से इन आरोपी इंजीनियरों ने असहमति व्यक्त की थी और शासन को अपना अभ्यावेदन प्रस्तुत किया था। इसीलिये अब शासन की ओर से प्रमुख सचिव पंकज अग्रवाल ने इन अभ्यावेदनों पर सुनवाई हेतु तिथि निर्धारित की है और सभी 24 इंजीनियरों को सुनवाई में आने का नोटिस जारी कर दिया है।



ये हैं आरोपी 24 इंजीनियर :

कार्यपालन यंत्री - एसएन वर्मा एवं बीएस मोहनिया।

अनुविभागीय अधिकारी - एसके सक्सेना, एसके जाटव, एससी गुप्ता, विकास राजौरिया, एसके जैन, पीएल साहू तथा एमएस गुप्ता, बीके गर्ग।



उपयंत्री - एसडी पाराशर, पीके शर्मा, एबी मिर्जा, एमके मिहोलिया, महेन्द्र सिंह, एके गर्ग, जीएस सेंगर, आरएम शर्मा, आरपी सोनी, आरएल मेहरा, बीके राजौरिया, पीबी मिश्रा, आरके हरदेनिया तथा एमके मंगल। ये सभी इंजीनियर श्योपुर के जल संसाधन संभाग में पदस्थ थे।



विभागीय अधिकारियों के अनुसार, विभागीय जांच के बाद उस पर दण्डात्मक कार्यवाही करने के पहले शासन स्तर पर सुनवाई है तथा इस सुनवाई के बाद कार्यवाही की जायेगी।





- डॉ नवीन जोशी





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