किसानों की आय दोगुना करने के लिये कृषि से जुड़े विभाग चलायेंगे विशेष अभियान

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Place: 11 सितम्बर 2017। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने निर्देश दिये हैं कि कृषि से जुड़े सभी विभागों द्वारा किसानों की आय दोगुना करने के लिये अगले पाँच वर्ष तक विशेष अभियान चलाया...                                                👤By: DD                                                                Views: 17859

11 सितम्बर 2017। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने निर्देश दिये हैं कि कृषि से जुड़े सभी विभागों द्वारा किसानों की आय दोगुना करने के लिये अगले पाँच वर्ष तक विशेष अभियान चलाया जाये। इसके लिये सभी संबंधित विभाग कार्य-योजना बनायें। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने यह निर्देश आज यहाँ कृषि केबिनेट की बैठक में दिये। बैठक में कृषि केबिनेट के सदस्य मंत्रीगण तथा संबंधित विभागों के अधिकारी मौजूद थे।



मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि कृषि आय दोगुना करने के लिये संबंधित विभाग लीक से हटकर गंभीर प्रयास करें और अधिकतम परिणाम दें। योजनाबद्ध तरीके से प्रयास कर किसानों की आय बढ़ायी जा सकती है। दुग्ध उत्पादन के क्षेत्र में व्यापक संभावनाएँ हैं। दुग्ध उत्पादन को बढ़ाने के लिये मिशन मोड में काम करें। उत्पादन बढ़ाने के लिये युद्ध-स्तर पर प्रयास करें। यह किसानों की आय बढ़ाने में सहायक होगा। पशुओं की गुणवत्ता में सुधार का अभियान चलायें। दुग्ध उत्पादन वृद्धि से किसानों को फायदा दिलायें। मत्स्य-उत्पादन के माध्यम से मछुआरों की आय बढ़ाने के प्रयास करें। रेशम उत्पादन के लिये योजनाबद्ध तरीके से प्रयास करें। प्रदेश में सिंचाई के लिये बिजली की कमी नहीं हो, यह सुनिश्चित करें।



बताया गया कि प्रदेश में प्राथमिक कृषि सहकारी समितियों में 10 लाख नये सदस्य बनाये जायेंगे। प्रदेश के सभी किसानों को सहकारिता से जोड़ा जायेगा। सभी किसानों को किसान क्रेडिट कार्ड उपलब्ध कराये जा रहे हैं। स्थानीय स्तर पर टमाटर और प्याज के उत्पादन की प्रोसेसिंग सहकारी समिति के माध्यम से करने के पायलेट प्रोजेक्ट रायसेन और धार जिले में शुरू किये जायेंगे। प्रदेश की सिंचाई क्षमता आगामी वर्ष 2022 तक 57 लाख हेक्टेयर करने की योजना बनायी गई है। इसी तरह माइक्रो इरिगेशन के माध्यम से सिंचाई क्षमता 22 लाख हेक्टेयर की जायेगी। दुग्ध उत्पादन में मध्यप्रदेश देश में उत्तरप्रदेश और राजस्थान के बाद तीसरे स्थान पर है। पशु धन विकास के लिये विशेष प्रयास किये जा रहे हैं। प्रदेश के सिंचाई जलाशय में मत्स्य-उत्पादन राष्ट्रीय औसत से अधिक है। अगले पाँच वर्षों में मत्स्य-उत्पादन को 1.15 लाख मीट्रिक टन से बढ़ाकर 2 लाख मी. टन करने का लक्ष्य बनाया गया है। प्रदेश के नगरीय क्षेत्रों में 20 बड़े और सौ छोटे मत्स्य-बाजार बनाये जायेंगे। रेशम उत्पादन में वृद्धि के लिये क्लस्टर विधि से प्रयास किये जा रहे हैं।



मुख्यमंत्री श्री चौहान ने बैठक में कृषि विभाग द्वारा प्रकाशित पाँच पुस्तकों ? सौ दिन में सौ निर्णय, भावांतर योजना, अंतर्वर्तीय फसलों की सफलता की कहानी, जैविक खेती की सफलता की कहानी तथा गौण-सक्षम तत्वों के तहसील स्तर के एटलस का विमोचन किया।



बैठक में वित्त मंत्री जयंत मलैया, कृषि मंत्री गौरीशंकर बिसेन, जल संसाधन एवं जनसंपर्क मंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्रा, पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री श्री गोपाल भार्गव, राजस्व मंत्री उमाशंकर गुप्ता, पशुपालन मंत्री अंतर सिंह आर्य, खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मंत्री ओमप्रकाश धुर्वे, स्वास्थ्य मंत्री रुस्तम सिंह, सहकारिता राज्य मंत्री विश्वास सारंग, उद्यानिकी राज्यमंत्री सूर्य प्रकाश मीणा, मुख्य सचिव बी.पी. सिंह तथा संबंधित विभागों के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।







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