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मप्र विधानसभा में लगेंगी थम्ब इम्प्रेशन वाली मशीनें, आधार नम्बर भी डालना होगा कर्मचारियों को

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Place: Bhopal                                                👤By: PDD                                                                Views: 18893

20 सितंबर 2017। मप्र विधानसभा सचिवालय परिसर में कर्मचारियों की समय पर उपस्थिति एवं कार्यालय से लौटने का समय जानने के लिये थम्ब इम्प्रेशन वाली मशीनें लगने जा रही हैं। विधानसभा कर्मचारियों को इन मशीनों पर अपने थम्ब के साथ-साथ आधार नम्बर भी डालना होगा। ये सभी मशीनें सीधे भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण यानी यूनिक आईडेन्टिफिकेशन अथारिटी आफ इण्डिया से जुड़ी होंगी जिससे वह आधार नंबर के जरिये कर्मचारी की पहचान करेगी।









विधानसभा सचिवालय परिसर में थम्ब इम्प्रेशन वाली करीब 24 मशीनों लगाई जायेंगी। इसके लिये एक निजी एजेन्सी को ठेका दिया गया है। अभी यह ट्रायल बेसेस पर होगा तथा कुछ दिनों बाद इसके परिणामों की समीक्षा कर आगे इसे स्थाई किये जाने या न किये जाने का निर्णय लिया जायेगा। विधानसभा अध्यक्ष सीतासरन शर्मा इन मशीनों को लगाये जाने के लिये उत्सुक नहीं थे परन्तु उनके मातहत एक अधिकारी के आग्रह पर वे इसे फौरी तौर पर लगाये जाने के लिये सहमत हो गये हैं। अभी थम्ब इम्प्रेशन सिर्फ विधानसभा के कर्मचारियों के लिये लागू होगा जिनकी सात सौ से अधिक संख्या है।



कर्मचारी नेता नाखुश :

विधानसभा सचिवालय परिसर में थम्ब इम्प्रेशन मशीनें लगये जाने की प्रक्रिया से विधानसभा के कर्मचारी नेता नाखुश हैं। उनका कहना है कि मशीनें लगाये जाने से कोई परेशानी नहीं है परन्तु रोजाना थम्ब इम्प्रेशन के साथ आधार नंबर दर्ज कराना परेशानी का सबब होगा क्योंकि कर्मचारियों को बारह नंबर वाले आधार नंबर को रोजाना दर्ज कराना होगा जिससे छोटे कर्मचारियों को दिक्कत जायेगी तथा मशीनों पर थम्ब लगाने एवं आधार नंबर दर्ज कराने में काफी समय लगेगा तथा रोजाना लम्बी-लम्बी लाईनें लगेंगी।



विधानसभा सचिवालय के एक अधिकारी ने बताया कि यह काम डिजिटल इण्डिया के तहत हो रहा है। भारत सरकार की एजेन्सी एनआईसी से साफ्टवेयर लिया गया है जबकि थम्ब इम्प्रेशन मशीनें मात्र दो-ढाई हजार रुपये प्रति नग की आती है जोकि मामूली खर्चा है। मशीन में थम्ब के साथ आधार नंबर भी डालना होगा। करीब ढाई दर्जन मशीनें विधानसभा परिसर में लग जायेंगी। शुरु में ट्रायल रहेगा तथा बाद में इसे निरन्तर किये जाने के संबंध में निर्णय लिया जायेगा।







- डॉ नवीन जोशी









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