20 दिसंबर 2024। मध्यप्रदेश विधानसभा के शीतकालीन सत्र में विपक्ष और सत्ता पक्ष के बीच तीखी बहस और हंगामे के चलते कार्यवाही अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दी गई।
प्रमुख विवाद
राहुल गांधी और संविधान का मुद्दा:
विपक्ष ने संसद में धक्कामुक्की और राहुल गांधी पर झूठा मामला दर्ज होने का मुद्दा उठाया।
कांग्रेस विधायकों ने संविधान की प्रतियां लहराकर अमित शाह के अंबेडकर पर दिए बयान का विरोध किया।
नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने शाह से माफी और राहुल गांधी पर दर्ज प्रकरण वापस लेने की मांग की।
गृह मंत्री अमित शाह ने संसद में बाबा साहेब का अपमान किया।
— Umang Singhar (@UmangSinghar) December 20, 2024
बाबा साहेब हमारे पूज्यनीय हैं, और उनका अपमान हिंदुस्तान कभी बर्दाश्त नहीं करेगा।
नेता प्रतिपक्ष श्री @RahulGandhi जी एवं राज्यसभा नेता प्रतिपक्ष श्री @kharge जी ने बाबा साहेब के अपमान के खिलाफ आवाज उठाई, तब जानबूझकर… pic.twitter.com/aGmXP69W9G
अशासकीय संकल्प:
हरदा विधायक आरके दोगने ने रेलवे लाइन विस्तार और यादवेंद्र सिंह ने मार्ग को राष्ट्रीय राजमार्ग घोषित करने के प्रस्ताव रखे, जिन्हें सर्वसम्मति से केंद्र को भेजने का निर्णय लिया गया।
जल जीवन मिशन और सड़कों की स्थिति:
विधायक विजयपाल सिंह ने नल-जल योजना के तहत ठेकेदारों द्वारा खोदी गई सड़कों की दुर्दशा का मुद्दा उठाया।
मंत्री ने बताया कि 450 ठेकेदारों को ब्लैकलिस्ट किया गया है, लेकिन विपक्ष ने कार्रवाई पर सवाल उठाए।
फर्जी जाति प्रमाण पत्र:
कुंवर सिंह टेकाम ने आरोप लगाया कि फर्जी प्रमाण पत्र के जरिए अनुसूचित जनजाति की जमीनें खरीदी गईं।
मंत्री विजय शाह ने दोषियों पर एफआईआर दर्ज कराने की बात कही।
अनियमितताएं और योजनाएं:
विधायक ठाकुरदास नागवंशी ने जल जीवन मिशन की गुणवत्ता पर सवाल उठाए।
धार के आदिवासी छात्रावास में छात्रों की मौत का मुद्दा भी उठाया गया।
अन्य चर्चा
स्कूलों का अपग्रेडेशन:
मंत्री ने स्पष्ट किया कि 2025-26 सत्र से पहले कोई योजना नहीं है।
अनुसूचित जाति के लिए योजनाएं:
चार योजनाओं पर चर्चा हुई, लेकिन अंत्योदय योजना बंद होने पर विपक्ष ने सवाल उठाए।
आखिरी दिन की कार्यवाही
सत्र के अंतिम दिन 28 ध्यानाकर्षण प्रस्तावों पर चर्चा हुई। इनमें लाड़ली बहना योजना, स्मार्ट मीटर विवाद, और परिवहन विभाग की अनियमितताओं जैसे मुद्दे शामिल थे।
शीतकालीन सत्र के दौरान विपक्ष और सत्ता पक्ष के बीच तीखी बहसें हुईं, जिनमें संविधान, जल जीवन मिशन, और जाति प्रमाण पत्र से जुड़े मुद्दे प्रमुख रहे।