
5 जुलाई 2024। मध्यप्रदेश विधानसभा का मानसून सत्र 19 जुलाई तक चलना था, लेकिन 5 जुलाई को ही खत्म कर दिया गया। विधानसभा अध्यक्ष नरेंद्र सिंह तोमर ने सदन की कार्यवाही अनिश्चितकाल तक के लिए स्थगित कर दी।
इस सत्र में सरकार ने अपना पहला पूर्ण बजट पेश किया, जिस पर दो दिन चली चर्चा के बाद बजट पारित हो गया। इसके अलावा, सरकार ने 4 विधेयक भी पारित कराए।
विपक्ष ने आरोप लगाया है कि उन्हें बजट पर चर्चा करने और विधेयकों पर अपनी राय रखने का पर्याप्त मौका नहीं दिया गया। नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने कहा कि विपक्ष पर हंगामा कर सदन नहीं चलने देने के आरोप लगाए जाते हैं, लेकिन इस बार विपक्ष ने सदन में हंगामा नहीं किया, इसके बावजूद भी विधायकों को बोलने का मौका नहीं मिला।
सत्र के दौरान राष्ट्रीय शिक्षा नीति और गैर मान्यता प्राप्त मदरसों में शिक्षा जैसे कई मुद्दे उठाए गए। बीजेपी विधायक अभिलाष पांडेय ने संविधान के अनुच्छेद 30 को खत्म करने के लिए अशासकीय संकल्प पेश किया, जो मदरसों जैसी अल्पसंख्यक शैक्षणिक संस्थाओं की स्थापना और प्रबंधन का अधिकार समाप्त करने से जुड़ा है।
इस पर बीजेपी विधायक रामेश्वर शर्मा ने कहा कि "नई तालीम से नया तालिबान खड़ा मत करो।" उन्होंने कहा कि भारत की राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत सबको शिक्षा और रोजगार मिले।
वहीं, कांग्रेस विधायक आतिफ अकील ने कहा कि सत्ता पक्ष के विधायक नर्सिंग घोटाले से ध्यान भटकाने के लिए मदरसों का मुद्दा उठा रहे हैं।
विधानसभा अध्यक्ष ने मप्र विनियोग क्रमांक 4 विधेयक को पारित करने के वित्त मंत्री के प्रस्ताव पर बोलना शुरू किया तो विपक्ष ने डिवीजन की मांग की। इसे स्वीकार नहीं किया गया और विधेयक पारित कर दिया गया।
वित्त मंत्री जगदीश देवड़ा ने कहा कि बजट 16 फीसदी बढ़ाया गया है। उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य एवं महिला बाल विकास विभाग के बजट में 56% की वृद्धि की गई है। कृषि क्षेत्र में 15% और नगरीय और ग्रामीण विकास में 13% की वृद्धि की गई है।
मुख्य बिंदु:
1 जून से शुरू हुआ मानसून सत्र 5 दिन में ही खत्म हो गया।
सरकार ने अपना पहला पूर्ण बजट पेश किया और 4 विधेयक पारित कराए।
विपक्ष का आरोप है कि उन्हें बजट पर चर्चा करने और विधेयकों पर अपनी राय रखने का पर्याप्त मौका नहीं मिला।
राष्ट्रीय शिक्षा नीति और गैर मान्यता प्राप्त मदरसों में शिक्षा जैसे कई मुद्दे उठाए गए।
बीजेपी विधायक ने मदरसों पर रोक लगाने की मांग की, जबकि कांग्रेस विधायक ने इसे नर्सिंग घोटाले से ध्यान भटकाने का प्रयास बताया।