
25 मार्च 2025। मध्य प्रदेश विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार के नेतृत्व में विपक्ष ने मध्य प्रदेश सहकारिता संशोधन विधेयक का कड़ा विरोध किया। विपक्ष ने इस विधेयक को सहकारिता आंदोलन के लिए विनाशकारी बताया और आरोप लगाया कि यह अडानी और अंबानी जैसे निजी खिलाड़ियों के लिए सहकारी संस्थाओं में प्रवेश का पिछला दरवाजा खोल देगा।
विपक्ष के अनुसार, यह संशोधन निजी संस्थाओं को सहकारी संस्थाओं पर हावी होने का अवसर देगा, जिससे किसानों की स्थिति और भी खराब हो जाएगी। कांग्रेस विधायक भंवर सिंह शेखावत ने भी इस विधेयक को राज्य के सहकारिता आंदोलन के लिए एक बड़ा झटका बताया और सदन से इसे पारित न करने का आग्रह किया।
सहकारिता समितियों के चुनाव कराओ!!
— Umang Singhar (@UmangSinghar) March 24, 2025
किसानों के साथ अन्याय बंद करो!!
सहकारिता समितियों के चुनाव कराने की मांग को लेकर कांग्रेस विधायकों के साथ सदन में वॉकआउट।
प्रदेश में सहकारिता के चुनाव लगभग 14 साल से नहीं हुए हैं। भाजपा सरकार ने सहकारिता के चुनावों को टालने का काम किया है,… pic.twitter.com/xd9lsqOEap
विपक्ष ने सहकारी समितियों में पिछले 15-20 वर्षों से लंबित चुनावों का मुद्दा भी उठाया और सरकार से यह स्पष्ट करने की मांग की कि ये चुनाव कब कराए जाएंगे। उनका तर्क था कि यह संशोधन सहकारी संस्थाओं में प्रशासकों के कार्यकाल को अनिश्चित काल तक बढ़ाने का प्रयास करता है, जो सहकारी अधिनियम के प्रावधानों के खिलाफ है।
नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने विधेयक को विधानसभा की प्रवर समिति को भेजने की मांग करते हुए इसका विरोध दोहराया।
वहीं, सहकारिता मंत्री विश्वास सारंग ने विपक्ष की चिंताओं को खारिज करते हुए कहा कि संशोधन का उद्देश्य सहकारिता आंदोलन को मजबूत करना है। उन्होंने विधानसभा को आश्वासन दिया कि सरकार सहकारी समितियों में चुनाव कराने के लिए प्रतिबद्ध है और संशोधन का उद्देश्य सहकारी समितियों को वित्तीय रूप से सशक्त बनाना है।