26 सितंबर 2017। अब धनाड्य वर्ग मंहगी कारों से सड़कों पर चलने के बजाये उतनी ही कीमत के जायरोप्लेन खरीद कर हवा में यात्रा कर सकेंगे। इसके लिये अनुमति देने का केंद्र सरकार ने प्रावधान जारी कर दिया है। ये नये प्रावधान अगले माह 11 अक्टूबर के बाद पूरे देश में प्रभावशील हो जायेंगे। एक जायरोप्लेन की कीमत करीबन 40 लाख रुपये होती है। इतनी कीमत से अधिक तो आलीशान कारें आ रही हैं।
केंद्र सरकार के नागर विमानन मंत्रालय ने केंद्रीय वायुयान अधिनियम 1934 के तहत वर्ष 1937 में बने वायुयान नियमों में नया संशोधन जारी कर जायरोप्लेन का प्रावधान किया है। जायरोप्लेन एक ऐसया एयरक्राफ्ट है जिसके रोटर इंजन चालित नहीं होते हैं। जायरोप्लेन उड़ाने के लिये व्यक्ति को नागर विमानन मंत्रालय से लायसेंस लेना होगा। सत्रह वर्ष से अधिक उम्र का मात्र दसवीं पास व्यक्ति भी इसका लायसेंस ले सकेगा। उसे विहित लिखित परीक्षा उत्तीर्ण कर यह लायसेंस प्राप्त करना होगा। मात्र चालीस घण्टे की जायरोप्रेल से उड़ान के अनु भव से वह लायसेंस प्राप्त करने का हकदार हो जायेगा।
परन्तु जायरोप्लेन से यह नहीं हो सकेगा :
- प्रतिकर या किराये के लिये यात्री या संपत्ति का वहन।
- रात्रि उड़ान।
- समुद्र सतह से दस हजार फीट या भूमि स्तर से दो हजार फीट से अधिक ऊंचाई पर यात्रा नहीं कर सकेगा।
भोपाल स्थित एक विमानन अधिकारी ने बताया कि जायरोप्लेन सिर्फ दो सौ किलोमीटर तक उड़ान भरता है। इसका उपयोग शौकिया एवं पर्यटन के लिये होता है। पूना के कमिश्नर ने तो एक माईक्रो विमान से अपने शहर में उड़ान भरकर अतिक्रमण का जायजा ले लिया था जिसकी उन्होंने तस्वीरें भी ली थीं। कार से तो यह बहुत सस्ता है। यह हेलीकाप्टर की तरह ही उड़ान भरता है और लैंड करता है। विदेशों में इसका ज्यादा प्रचलन है जबकि देश या मप्र में ये अभी संचालित नहीं हैं। केंद्र सरकार ने इसके प्रावधान से जायरोप्लेन की बिक्री एवं उससे मिलने वाले रोजगार को बढ़ावा दिया है।
- डॉ नवीन जोशी
अब कार की जगह हवा में उडऩे वाले जायरो प्लेन से चलें, केंद्र सरकार ने जारी किया अनुमति का प्रावधान
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Bhopal 👤By: DD Views: 17878
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