
खत्म करने पड़े सवालों के वरीयता नम्बर देने का प्रावधान
29 सितंबर 2017। मप्र विधानसभा में विधायक स्पीकर के स्थाई आदेशों का पालन नहीं करते हैं। इसके कारण स्पीकर सीतासरण शर्मा को अपने स्थाई आदेशों में संशोधन करना पड़ा है।
दरअसल विधानसभा सत्र के दौरान हर दिन के लिये प्रत्येक विधायक स्ािाई आदेश के तहत परिशिष्ट एक में प्रश्न के फार्म में दो तारांकित सवाल दे सकते हैं लेकिन उन्हें प्रत्येक सवाल के आगे नम्बर डालना होता था कि इनमें पहला कौनसा लिया जायेगा।
सदन की कार्यवाही प्रारंभ होने पर सबसे पहले प्रश्नकाल होता है तथा इसमें 25 प्रश्न चर्चा हेतु लिये जाते हैं। चर्चा में आने वाले सवालों को ही तारांकित सवाल कहा जाता है। तारंकित सवालों पर सदन के अंदर संबंधित विधायक पूरक प्रश्न पूछते हैं तथा संबंधित विभाग का मंत्री उसका जवाब देता है।
तारंकित प्रश्नों के लिये जिस निर्धारित फार्म में विधायक दो सवाल देते थे उनके वे वरीयता नम्बर नहीं डालते थे तथा इस प्रकार वे स्पीकर के स्थाई आदेशों का पालन नहीं करते थे। इससे विधानसभा सचिवालय के अधिकारी पशोपेश में पड़ते थे कि किस तारांकित सवाल को पहले लिया जाये। इस समस्या को देखते हुये विधानसभा अध्यक्ष सीतासरन शर्मा ने अपने स्थाई आदेश में संशोधन कर तारांकित सवाल के फार्म में वरीयता नम्बर देने का प्रावधान ही खत्म कर दिया है। अब विधायकों द्वारा दिये तारांकित सवालों में से जो पहले विस सचिवालय में रजिस्टर्ड होगा उसे पहला नम्बर दिया जायेगा तथा नियत तारीख को वह सदन के प्रश्नकाल में चर्चा हेतु लिया जायेगा।
यहां यह बताना आवश्यक होगा कि सदन की प्रत्येक दिन की कार्यवाही में प्रश्नकाल में सिर्फ 25 प्रश्न ही चर्चा हेतु लिये जाते हैं तथा अधिक संख्या में विधायकों के तारांकित सवाल आने पर लाटरी डालकर उनमें से 25 सवालों का चयन किया जाता है।
- डॉ नवीन जोशी