6 अक्टूबर 2017। मिशन 2019 समेत देश के विभिन्न राज्यो में अगले साल होने जा रहे चुनावों की तैयारियों के साथ आरएसएस अपने कामकाजकी समीक्षा इस बैठक में करने जा रहा है। इस बैठक में आरएसएस के साढे तीन सौ से अधिक पदाधिकारी शिरकत कर रहे है।वही बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह के आरएसएस की इस बैठक में आने पर कांग्रेस ने सवाल खड़े कर दिए हैं।
आरएसएस का नया चेहरा भोपाल में कक्ल से होने वाली आरएसएस की राष्ट्रीय बैठक में सामने आएगा।शनिवार से भोपाल में शुरू हो रही इस बैठक में संघ के नेता मोहन भागवत की अगुवाई में मिशन 2019 ओर मध्य प्रदेश छत्तीसगढ़ समेत पांच राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनावों का एजेंडा तय करेंगे। बैठक में पूरे देश के संघ के दो दर्जन से अधिक अनुषांगिक संगठनों के प्रमुखों के साथ बीजेपी के दिग्गज भी बैठक में शामिल हो रहे है।इसी कड़ी में बीजेपी के राष्ट्रिया अध्यक्ष अमित शाह भी बैठक में शामिल होने या रहे हैं।कोंग्रेस को इसी बात पर आपत्ति है दरअसल कुछ दिनों पहले आरएसएस के चीफ मोहन भागवत ने कहा था कि बीजेपी और आरएसएस अलग अलग संगठन है तो कॉंग्रेस को एतराज है की जब आरएसएस और बीजेपी अलग अलग संगठन है तो फिर अमित शाह आरएसएस के कार्यक्रम में क्यों आ रहे हैं।
दरअसल संघ हर साल दीपावली से पहली दीवाली बैठक आयोजित काट अगले साल के कामकाज ओर कार्यकर्मो पर मंथन करता है। आआरएसएस के सूत्रों के मुताबिक शुरवाती पांच दिनों में प्रांतों के प्रचारको पदाधिकारियों की बैठक कर उनके कामो की समीक्षा की जाएगी साथ ही जिन राज्यो में चुनाव होने है वहां की रणनीति पर भी विचार किया जाएगा।
आरएसएस की बैठक के एजेंडा
- पदाधिकारियों के कामो में बदलाव।
-नए चेहरों को प्रान्तस्तर की जिम्मेदारी।
- अखिल भारतीय स्तर पर सह सर कार्यवाहों की भूमिका भी बदली जा सकती है।
- प्रान्त स्तर के पदाधिकारियों में बदलाव।
-कई राज्यों में भाजपा के नए संगठन महामंत्रियों ओर संगठन मंत्रियों की नियुक्ति भी की जा सकती है।
-2019 के चुनावों को लेकर संघ अपना एजेंडा बनाएगा।
-मध्यप्रदेश समेत बीजेपी शासित राज्यो की सरकारों के कामकाज की समीक्षा।
वहीं 12 से 14 तक मोहन भागवत अखिल भारतीय कार्यकारी मंडल की बैठक लेकर आरएसएस अपने ओर अपने अनुषांगिक संगठनों के साल भर के एजेंडे को तय करेंगे।इसी बैठक के दौरान अमित शाह के आने की खबर ने कांग्रेस को परेशान कर रखा है।वहीं बीजेपी को लगता है कि कांग्रेस को संघ का फोबिया हो गया है।
- आरएसएस और बीजेपी की तैयारियों को देख साफ समझ जा सकता है कि दोनों संगठन देश प्रदेश मैं एक बार फिर भगवा झंडा फहराने की कवायद में आगे निकल चुके हैं । वहीं कांग्रेस अब भी देश के साथ साथ मध्य प्रदेश में भी तय नही कर पा रही है कि अगला चुनाव किसके नेतृत्व में लड़ा जाएगा।ऐसे में आरएसएस और बीजेपी के चेहरे आगे कैसे भी हो लेकिन कांग्रेस के चेहरे की रंगत जरूर उड़ती दिखाई देगी।
- Navin Joshi
आरएसएस का नया चेहरा कैसा होगा ये पता चलेगा, भोपाल में शुरू होने जा रही आरएसएस बैठक में
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Bhopal 👤By: DD Views: 18042
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