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मध्य प्रदेश के चार अभ्यारण्य ईको सेंसेटिव घोषित

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Place: Bhopal                                                👤By: PDD                                                                Views: 18048

7 अक्टुबर 2017। भारत सरकार ने मध्य प्रदेश के चार वन अभ्यारण्यों को केंद्रीय पर्यावरण अधिनियम 1986 के तहत ईको सेंसेटिव जोन घोषित किया है। इनमें शामिल हैं डिण्डौरी और उमरिया जिले में स्थित घुघुआ जीवाश्म राष्ट्रीय उद्यान, शिवपुरी जिले में स्थित करेरा वन्यजीव अभ्यारण्य, छतरपुर जिले में स्थित केन घडिय़ाल वन्यजीव अभ्यारण्य तथा महाराष्ट, एवं मप्र के बीच में स्थित पेंच राष्ट्रीय उद्यान।



ईको सेंसेटिव जोन घोषित करने से अब इन चारों वन क्षेत्रों में वनों, हार्टिकल्चर एग्रो फाम्र्स, एग्रो फाम्र्स, आमोद-प्रमोद के प्रयोजन के लिये चिन्हित किये गये पार्कों और खुले स्थानों का प्रयोग या परिवर्तन वाणिज्यिक नहीं किया जायेगा तथा औद्योगिक या रिहाईशी प्रक्षेत्र या क्रियाकलापों के लिये उपयोग या परिवर्तन नहीं होगा।



लेकिन विद्यमान सड़कों को चौड़ा करने या नई सड़कें बनाने, बुनियादी ढांचों और नागरिक सुविधाओं का निर्माण एवं नवीनीकरण प्रदूषण न करने वाले लघु व कुटीर उद्योगों की स्थापना इस हेतु गठित की जाने वाली निगरानी समितिकी सिफारिश पर और राज्य सरकार के पूर्व अनुमोदन से स्थानीय निवासियों की जरुरतों के लिये की जा सकेगी।



वन विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि केंद्र सरकार हर वन अभ्यारण्य की सीमा पर ईको सेंसेटिव जोन घोषित कर रही है। पहले सभी के लिये वन सीमा से दस किलोमीटर दूर तक सभी निर्माण कार्य प्रतिबंधित थे परन्तु अब हर वन अभ्यारण्य क्षेत्र की स्थिति के अनुसार अलग-अलग दूरी के हिसाब से ईको सेंसेंटिव जोन घोषित किये जा रहे हैं। यह काम पूरे देश के वन अभ्यारण्यों के लिये हो रहा है। अब यह दूरी कहीं 5 किलोमीटर है या एक किलोमीटर या इससे भी कम है।





- डॉ नवीन जोशी



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