
1 दिसंबर 2017। महिलाओं के खिलाफ बढ़ते अपराध को रोकने के लिए सरकार शीतकालीन सत्र में विधेयक लेकर आई है. जिसमें 12 साल की बच्ची के साथ रेप और गैंगरेप पर फांसी या कठोर कारावास जिसकी अवधि 20 साल से कम नहीं होगी से दंडित किया जा सकेगा.
विधेयक में किए गए प्रावधानों के मुताबिक, आजीवन कारावास की सजा यानी उस व्यक्ति को जीवन काल के लिए कारावास होगा. 12 वर्ष तक की आयु की बच्ची के साथ रेप और गैंगरेप के मामलों में जमानत नहीं होगी. इसके लिए आईपीसी में 376 रेप और 376 डी गैंगरेप की धाराओं में संशोधन कर दोषियों को फांसी की सजा देने का प्रावधान किया गया है.
महिला अपराध से जुड़े किसी भी अपराध में बिना लोक अभियोजक का पक्ष जाने जमानत नहीं होगी.
विधि एवं विधाई कार्य मंत्री रामपाल सिंह ने विधानसभा में दंड विधि विधेयक प्रस्तुत किया. इसमें धारा 354 घ में संशोधन करते हुए नई उपधारा 2 स्थापित करना प्रस्तावित किया गया है. जिसके तहत कोई भी पीछा करने का अपराध करता है और प्रथमदृष्टया दोषी पाया जाता है तो 3 साल तक की सजा हो सकेगी.
दूसरी बार में यदि इस तरह का दोष सिद्ध होता है तो सजा 3 साल से कम की नहीं होगी सजा के साथ एक लाख रुपये जुर्माने का प्रावधान भी रखा गया है. विधेयक में धारा 493 में उपधारा जोड़ने का प्रस्ताव भी किया गया है,जिसके तहत कोई व्यक्ति यदि स्त्री को ये विश्वास दिलाता है कि वो उससे विवाह करेगा और उसके साथ संबंध बनाता है. यदि इसको लेकर महिला शिकायत करती है कि उसने धोखाधड़ी की है, वो प्रमाणित होती है तो 3 साल तक की सजा का प्रावधान रखा गया.
रेप के मामलों में इस तरह का सख्त कानून बनाने वाला मध्य प्रदेश देश का पहला राज्य बन गया है. ये विधेयक विधानसभा में पारित होने के बाद मंजूरी के लिए केंद्र सरकार के पास भेजा जाएगा. केन्द्र से मंजूरी के बाद इस कानूनी रुप से अमलीजामा पहनाया जाएगा.