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विधान सभा प्रबोधन कार्यक्रम

Place: Bhopal                                                👤By: DD                                                                Views: 2553

विधान सभा प्रबोधन कार्यक्रम का नेता प्रतिपक्ष राज्‍यसभा, श्री गुलाम नबी आज़ाद

के मुख्‍य आतिथ्‍य में समापन



7 जुलाई, 2019। पन्‍द्रहवीं विधान सभा के नवनिर्वाचित सदस्‍यों के लिये विधान सभा कार्य संचालन नियम और प्रक्रिया की जानकारी देने हेतु आयोजित प्रबोधन कार्यक्रम का नेता प्रतिपक्ष राज्‍यसभा श्री गुलाम नबी आज़ाद के मुख्‍य आतिथ्‍य में आज समापन हुआ. समापन समारोह को विधान सभा अध्‍यक्ष श्री एन.पी. प्रजापति, नेता प्रतिपक्ष श्री गोपाल भार्गव, संसदीय कार्य मंत्री डॉ. गोविन्‍द सिंह ने संबोधित किया.



प्रबोधन कार्यक्रम के अंतिम दिवस आज विभिन्‍न सत्रों में संसदीय और विधायी विषयों पर विशेषज्ञों के व्‍याख्‍यान हुए.

लोक महत्‍व के विषयों पर पूर्व केन्‍द्रीय मंत्री श्री सुरेश पचौरी ने व्‍याख्‍यान देते हुए कहा कि विधायकों को सभा में विभिन्‍न विषय उठाने के लिए अनेक प्रक्रियात्‍मक साधन उपलब्‍ध होते हैं. लेकिन इनके समुचित उपयोग के लिए उन्‍हें सभा संचालन की नियम प्रक्रिया का ज्ञान होना आवश्‍यक है, इसके साथ ही विधायकों को सदैव सतर्क और जागरुक भी रहना चाहिए. श्री पचौरी ने नवनिर्वाचित विधायकों को

प्रश्‍न, स्‍थगन, ध्‍यानाकर्षण, अल्‍पकालीन सूचना पर प्रश्‍न, अशासकीय विधेयक एवं संकल्‍प आदि लोक महत्‍व के विषयों सहित अन्‍य प्रक्रियात्‍मक साधनों में सदस्‍यों की हिस्‍सेदारी को सुनिश्चित करने के लिए विस्‍तारपूर्वक समझाया. उन्‍होंने सदस्‍यों को संबोधित करते हुए कहा कि मर्यादित संसदीय आचरण, ईमानदारी एवं गंभीरता के साथ ही परिष्‍कृत शैली में अपने विषय सदन में उठाएं.

पूर्व मुख्‍यमंत्री, मध्‍यप्रदेश एवं राज्‍य सभा सदस्‍य श्री दिग्विजय सिंह ने अपने संबोधन में विधायी सदनों में सदस्‍यों को प्रश्‍न पूछने के अधिकार के ऐतिहासिक विकास क्रम की विस्‍तार से जानकारी देते हुए कहा कि विधायकों को प्रश्‍न पूछने का सर्वाधिक महत्‍वपूर्ण अधिकार प्राप्‍त है.



प्रश्‍नकाल निर्बाध रूप से संचालित हो इसके लिए सदस्‍यों को सदैव सजग और सतर्क रहना आवश्‍यक है. उन्‍होंने कहा कि नवनिर्वाचित विधायकों को प्रश्‍न ही नहीं बल्कि पूरक प्रश्‍न पूछने की कला में भी पारंगत होना चाहिए. विधायक यदि जागरुक होंगे तो कार्यपालिका पर अंकुश भी लगा सकेंगे. अपने प्रश्‍नों के उत्‍तर से यदि वे संतुष्‍ट नहीं होते तो उन्‍हें आधे घण्‍टे की चर्चा के लिए अनुरोध करना चाहिए.

प्रबोधन कार्यक्रम के अंतिम सत्र में संसदीय विशेषाधिकार विषय पर व्‍याख्‍यान देते हुए पूर्व लोकसभा महासचिव एवं संसदीय विशेषज्ञ डॉ. सुभाष सी. कश्‍यप ने कहा कि विधायी सदनों की गरिमा और मर्यादा की रक्षा करने का दायित्‍व उसके सदस्‍यों के आचरण और व्‍यवहार पर निर्भर करता है.



संविधान ने संसदीय विशेषाधिकारों की व्‍यवस्‍था सुनिश्चित की है. किन्‍तु उसका विस्‍तार व्‍यापक होने प्रदर्शन कर संसदीय ज्ञान के वाहक बनेंगे. उन्‍होंने कहा कि जब तक प्रश्‍नकर्ता विधायक पूरक प्रश्‍न नहीं पूछ लेता तब तक कोई अन्‍य सदस्‍य हस्‍तक्षेप नहीं करेगा. उन्‍होंने कहा कि आगामी प्रबोधन लोक सभा सचिवालय में होगा. श्री प्रजापति ने कहा कि मंत्रीगणों के लिए भी प्रबोधन कार्यक्रम के आयोजन संबंधी सुझाव प्राप्‍त हुआ है, इस पर भी विचार किया जायेगा. उन्‍होंने नवनिर्वाचित विधायकों से विधान सभा की गरिमा में उत्‍तरोत्‍तर वृद्धि किये जाने का आव्‍हान किया. मध्‍यप्रदेश विधान सभा में नेता प्रतिपक्ष श्री गोपाल भार्गव ने प्रबोधन कार्यक्रम के समापन अवसर

पर अपने विचार व्‍यक्‍त करते हुए कहा कि नवनिर्वाचित विधायक संसदीय ज्ञान अर्जित कर अपने उत्‍तरदायित्‍वों का कुशलतापूर्वक निर्वहन कर सकते हैं. सदस्‍यों को सतत् अध्‍ययन करते हुए प्रदेश व क्षेत्र हित में कार्य करना चाहिए. प्रबोधन कार्यक्रम से नवनिर्वाचित सदस्‍यों में मौलिकता एवं रचनात्‍मकता की वृद्धि होगी.



समापन समारोह के मुख्‍य अतिथि, राज्‍यसभा में नेता प्रतिपक्ष श्री गुलाम नबी आज़ाद ने समवेत् सदस्‍यों को संबोधित करते हुए कहा कि राजनीति में शुचिता और समर्पण अपरिहार्य है. उन्‍होंने कहा कि मतदाता से कभी अपेक्षा नहीं रखना चाहिए, विधायक संसदीय उत्‍तरदायित्‍वों के निर्वहन में अपने निर्वाचन क्षेत्र तक ही सीमित न रहें. जनप्रतिनिधियों को सदैव धर्म निरपेक्ष होना चाहिए. उन्‍होंने कहा कि यह गौरव का विषय है कि हम देशवासियों के लिए कानून बना सकते हैं. समय, सजगता और परिश्रम के साथ सदन के नियमों की जानकारी रखना, वरिष्‍ठ या कनिष्‍ठ सदस्‍य या दलगत आधार पर सहयोग लेने में नये सदस्‍यों को संकोच नहीं करना चाहिए. उन्‍होंने कहा कि नवनिर्वाचित सदस्‍य अपने मतदाताओं से सतत् और प्रगाढ़ संपर्क बनाये रखें और समाज के सभी वर्गों के लिए कार्य करें. विधान सभा की उपाध्‍यक्ष सुश्री हिना लिखीराम कावरे ने प्रबोधन कार्यक्रम की उपादेयता प्रतिपादित करते हुए सभी अतिथियों के प्रति आभार व्‍यक्‍त किया. उन्‍होंने कहा कि जनप्रतिनिधियों को अपनी गरिमा के अनुरूप आचरण करते हुए अपने उत्‍तरदायित्‍वों के निर्वहन के लिए प्रबोधन कार्यक्रम से प्ररेणा मिलेगी.



इस अवसर पर विधान सभा के प्रमुख सचिव श्री ए.पी. सिंह ने प्रबोधन सत्रों की विषयवार रूपरेखा प्रस्‍तुत करते हुए परिचयात्‍मक संबोधन दिया. सचिवालय द्वारा प्रकाशित ?मध्‍यप्रदेश विधान सभा में वित्‍त मंत्री के भाषण? ग्रंथ के प्रथम खण्‍ड का विमोचन भी इस मौके पर किया गया. प्रबोधन कार्यक्रम के समापन अवसर पर विधान सभा अध्‍यक्ष श्री एन. पी. प्रजापति ने नेता प्रतिपक्ष, राज्‍यसभा, श्री गुलाम नबी आजाद़, पूर्व मुख्‍यमंत्री एवं राज्‍यसभा सदस्‍य श्री दिग्विजय सिंह, पूर्व केन्‍द्रीय मंत्री श्री सुरेश पचौरी, मध्‍यप्रदेश विधान सभा में नेता प्रतिपक्ष श्री गोपाल भार्गव के साथ ही पूर्व महासचिव डॉ. सुभाष सी. कश्‍यप को शॉल श्रीफल एवं स्‍मृति चिन्‍ह भेंट कर सम्‍मानित

किया.

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