भोपाल 16 दिसंबर 2022। मप्र विधानसभा को पैपरलैस बनाने की तैयारी प्रारंभ हुई है। इसके लिये स्पीकर गिरीश गौतम ने राज्य सरकार से बजट की मांग की है जो करीब 75 करोड़ रुपये है तथा इसके लिये 19 दिसम्बर से प्रारंभ हो रहे विधानसभा के शीतकालीन सत्र में पेश होने वाले द्वितीय पूरक बजट में राशि का प्रावधान करने का आग्रह किया है। संसदीय कार्य विभाग ने विधानसभा सचिवालय से कहा है कि वह प्रस्ताव बनाकर वित्त विभाग को स्वीकृति के लिये भेजे। वित्त विभाग की स्वीकृति के बाद संसदीय कार्य विभाग इसे केबिनेट में उसकी मंजूरी के लिये भेजेगा।
उल्लेखनीय है कि ने ई-विधान डिजिटल इंडिया कार्यक्रम बनाया है जिसमें देश की सभी विधानसभाओं को पेपरलैस बनाया जाना है। इसमें केंद्र कुल लागत का 60 प्रतिशत वहन करेगी। इस कार्यक्रम के तहत विधायकों को उनकी टेबल पर ही टच स्क्रीन वाला टैबलेट दिया जायेगा जिसमें वे सभी सदनीय दस्तावेज देख सकेंगे। इससे कागज की खपत कम होगी और काफी धनराशि बचेगी। देश में कुछ राज्यों जैसे कर्नाटक, उप्र, राजस्थान, गोवा, मप्र और महाराष्ट्र ने आईटी का उपयोग तो किया है परन्तु इसने अभी तक मौजूदा भौतिक पेपर आधारित प्रक्रियाओं की जगह नहीं ली है और अभी भी भारी मात्रा में कागज की खपत जारी है। केंद्र ने ई-विधान एप्लीकेशन के लिये मार्च 2020 में दिशा-निर्देश जारी किये हुये हैं, परन्तु मप्र सरकार ने अभी तक इसका लाभ अपनी विधानसभा के लिये नहीं उठाया है।
- डॉ. नवीन जोशी
मप्र विधानसभा को पेपरलैस बनाने की तैयारी
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Bhopal 👤By: DD Views: 1005
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