भोपाल 22 दिसंबर 2022। मध्य प्रदेश विधानसभा का शीलकालीन सत्र का आज चौथा दिन है। बुधवार को अविश्वास प्रस्ताव पर देररात तक चर्चा चली। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान आज विपक्ष के आरोपों पर जवाब दिया। सीएम ने कहा कि कांग्रेस की सरकार हमने नहीं अहंकार ने गिनाई। हमें जनता ने जनादेश दिया।
सीएम ने कहा कि नेता प्रतिपक्ष के रेस्ट हाउस में रूकने के कमरे को लेकर उठाने की बात पर कहा कि मैं जब पूर्व मुख्यमंत्री था, तब मंसदौर गया। मुझे भी दूसरा कमरा दिया गया, लेकिन मैंने कुछ नहीं कहा। मुख्यमंत्री ने कहा कि मैंने इतना लचर अविश्वास प्रस्ताव कभी नहीं देखा। सीएम ने कहा कि कमलनाथ आज सदन में नहीं है। कल भी नहीं थे। सीएम ने कहा कि कांग्रेस की सरकार ने संबल योजना, पीएम आवास में कटौती की।
बता दें बुधवार को प्रश्नकाल के बाद नेता प्रतिपक्ष डॉ. गोविंद सिंह ने अविश्वास प्रस्ताव पर पेश किया। जिसे विधानसभा अध्यक्ष ने स्वीकार कर लिया। सदन में अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान बुधवार को पूर्व सीएम और पीसीसी चीफ कमलनाथ उपस्थित नहीं थे। विपक्ष ने 51 मुद्दों के अविश्वास प्रस्ताव आरोप पत्र में बेरोजगारी, महंगाई, किसानों की बढ़ती समस्या, विपक्षी विधायकों के साथ भेदभाव, कानून व्यवस्था समेत कई मु्द्दों पर सरकार को घेरा। सरकार ने विपक्ष के अविश्वास प्रस्ताव को तथ्यहीन बताते हुए खारिज कर दिया। चर्चा के दौरान सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच कई बार तीखी बहस हुई।
विपक्ष के विधायकों के साथ हो रहा भेदभाव
नेता प्रतिपक्ष गोविंद सिंह ने कहा कि भाजपा के विधायकों से 15-15 करोड़ के विकास कार्यों की सूची मांगी गई। विपक्ष के विधायकों का क्या दोष है? विकास कार्यों की पट्टिकाओं पर कांग्रेस विधायकों के नाम नहीं लिखे जाते हैं। विपक्ष के विधायकों का अपमान किया जा रहा है। इस बात पर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने गोविंद सिंह को टोकते हुए कहा कि आपकी जानकारी सही नहीं हैं। नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि संविदा और आउट सोर्स व्यवस्था को खत्म किया जाना चाहिए। प्रदेश में केंद्र सरकार आंकड़ों के अनुसार 1 करोड़ 30 लाख बेरोजगार हैं। सिंह ने कहा कि गांव में किसान का बेटा, गरीब परिवार को बेटा पढ़ा-लिखा बेरोजगार है। आज कम्प्यूटर इंजीनियर को 5 हजार की नौकरी करना पड़ रहा है। इसलिए हमारी मांग है कि रोजगार के लिए कुछ करों। उन्होंने कहा कि बिजली बिल बढ़े हुए आ रहे हैं।
नेता प्रतिपक्ष पर ही विधायकों को विश्वास नहीं
संसदीय कार्यमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कहा कि नेता प्रतिपक्ष पर उनके विधायकों का विश्वास नहीं है। नेता प्रतिपक्ष का कांग्रेस अध्यक्ष पर विश्वास नहीं। विधायकों पर कार्यकर्ताओं का विश्वास नहीं। कांग्रेस पर जनता का विश्वास नहीं है। अविश्वास प्रस्ताव के आरोप कोई तथ्य और प्रमाण के आधार पर नहीं लगा पाएं। ना लिखित में दे पाए ना मौखिक कोई प्रमाण बताया। हवा हवाई आरोप जो कि नियम प्रक्रिया के विपरित है। जब आप कोई आरोप लगाते है तो उनको जवाब देने का समय दिया जाता है। सारे आरोप हवा हवाई और पूरा अविश्वास टांय टांय फिस्स हो गया। यह पूरा का पूरा अविश्वास बिना तैयारी और तथ्यों के था। नेता प्रतिपक्ष को कोई कांग्रेस का विधायक नेता प्रतिपक्ष मानने को तैयार नहीं है।
विधानसभा में विपक्ष के अविश्वास प्रस्ताव पर शिवराज का जवाब, बोले सरकार हमने नहीं अहंकार ने गिराई
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