
9 फरवरी 2024। मध्य प्रदेश विधानसभा में पेश कैग रिपोर्ट ने राजनीतिक सरगर्मी बढ़ा दी है। कांग्रेस ने रिपोर्ट के आधार पर प्रदेश सरकार पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाए हैं, जबकि भाजपा ने इसे मनगढ़ंत बताया है।
कांग्रेस विधायक और उप नेता प्रतिपक्ष हेमंत कटारे ने कहा कि कैग रिपोर्ट ने पूरे प्रदेश शासन और वित्त विभाग को कटघरे में खड़ा कर दिया है। उन्होंने प्रधानमंत्री आवास, बजट योजना, अधिकारियों पर कमीशनखोरी का दबाव और आपदा की आड़ में ट्रांसफर-पोस्टिंग जैसे मुद्दों पर सरकार को घेरा।
भाजपा मंत्री नरेंद्र शिवाजी पटेल ने कांग्रेस के आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि उनका काम आरोप लगाना ही है। उन्होंने कहा कि उन्होंने अभी रिपोर्ट नहीं देखी है। भाजपा विधायक रामेश्वर शर्मा ने रिपोर्ट को मनगढ़ंत बताया, लेकिन उन्होंने भी स्वीकार किया कि उन्होंने अभी इसे पढ़ा नहीं है।
यह रिपोर्ट प्रदेश सरकार के लिए मुश्किलें खड़ी कर सकती है। कांग्रेस इसे आने वाले विधानसभा चुनाव में एक बड़ा मुद्दा बनाने की कोशिश करेगी।
रिपोर्ट में क्या है?
रिपोर्ट में प्रदेश सरकार के विभिन्न विभागों में वित्तीय अनियमितताओं का खुलासा हुआ है। इसमें प्रधानमंत्री आवास योजना, आयुष्मान भारत योजना, ग्रामीण विकास योजना और शिक्षा विभाग में गड़बड़ियों का उल्लेख है।
आगे क्या होगा?
यह देखना होगा कि सरकार रिपोर्ट में उठाए गए मुद्दों पर क्या कार्रवाई करती है। कांग्रेस इस मुद्दे को लेकर विधानसभा में हंगामा मचा सकती है।
यह भी ध्यान देने योग्य है कि रिपोर्ट में केवल अनियमितताओं का उल्लेख है, भ्रष्टाचार का नहीं। सरकार के पास अभी भी अपना बचाव करने का मौका है।