
14 फरवरी 2024। इनमें से कुल 31 चीतों, तीन शावकों और सात वयस्क चीतों की अलग-अलग कारणों से मौत हो गई।
2021-2022 में कूनो राष्ट्रीय उद्यान में चीता संरक्षण परियोजना शुरू होने के बाद से 44 करोड़ रुपये की राशि खर्च की गई है।
इसकी जानकारी बुधवार को वन मंत्री नागर सिंह चौहान ने मध्य प्रदेश विधानसभा को लिखित रूप में दी। वह कांग्रेस विधायक रामनिवास रावत द्वारा पूछे गए सवाल का जवाब दे रहे थे।
चौहान ने बताया कि सितंबर 2022 में जिस कार्यक्रम में पीएम ने चीतों को कूनो नेशनल पार्क में छोड़ा था, उस कार्यक्रम के तहत 75.44 लाख रुपये का खर्च किया गया था। यह राशि आईओसीएल के मद से खर्च की गई थी। सितंबर 2022 में, आठ चीतों को नामीबिया से कुनो में स्थानांतरित किया गया था। फरवरी 2023 में दक्षिण अफ्रीका से 12 चीते लाए गए थे। इस प्रकार, 20 चीतों का स्थानांतरण किया गया। इस बीच कूनो में 11 शावकों ने जन्म लिया है।
इनमें से कुल 31 चीते, तीन शावक और सात वयस्क चीते अलग-अलग कारणों से मर गए।
फिलहाल, यहां 21 चीते हैं, जिनमें 13 वयस्क चीते और 8 शावक शामिल हैं। चीता विशेषज्ञों द्वारा चीतों के लिए अनुपयुक्त वातावरण, अत्यधिक तरीके से चीतों के स्थानान्तरण तथा चीतों के जीवित रहने में असमर्थता के संबंध में कोई रिपोर्ट उपलब्ध नहीं करायी गयी है।
दूसरी ओर, चीतों को कूनो में स्थानांतरित किए जाने के बाद आगंतुकों की संख्या में वृद्धि हुई।
वर्ष 2022 में 936 भारतीय पर्यटक और 6 विदेशी पर्यटक सहित कुल 942 पर्यटक आये हैं। इनसे 492908 रुपए की आय हुई।
2023 में, 6863 भारतीय पर्यटकों और 8 विदेशी पर्यटकों सहित 6871 पर्यटकों ने पार्क का दौरा किया। इनसे 5 लाख रुपये की आमदनी हुई।