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भारत में 3 महीने में 1.71 करोड़ ऑनलाइन अकाउंट हैक: सर्फशार्क रिपोर्ट

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Place: भोपाल                                                👤By: prativad                                                                Views: 1473

2 जून 2024। साइबर सुरक्षा कंपनी सर्फशार्क द्वारा जारी रिपोर्ट के अनुसार, 2024 की पहली तिमाही (जनवरी-मार्च) में भारत में 1.71 करोड़ (17.1 मिलियन) से अधिक ऑनलाइन अकाउंट हैक किए गए। यह संख्या पिछले साल की समान अवधि की तुलना में 77% अधिक है, जो चिंता का विषय है।

रिपोर्ट में कहा गया है कि हैक किए गए अकाउंट में सोशल मीडिया, ई-कॉमर्स, बैंकिंग और वित्तीय सेवाओं जैसे विभिन्न प्लेटफॉर्म शामिल हैं। हैकर्स द्वारा चुराए गए डेटा में व्यक्तिगत जानकारी, पासवर्ड और वित्तीय विवरण शामिल हैं।

यह रिपोर्ट भारत में बढ़ते साइबर खतरों और कमजोर ऑनलाइन सुरक्षा के बारे में चिंताजनक जानकारी देती है।

रिपोर्ट के मुख्य निष्कर्ष:अधिकांश हैक किए गए अकाउंट क्रेडेंशियल स्टफिंग (credential stuffing) के माध्यम से किए गए थे। यह एक ऐसी तकनीक है जिसमें हैकर्स पहले से चोरी किए गए पासवर्ड का उपयोग विभिन्न अकाउंट में लॉगिन करने का प्रयास करते हैं।
भारत में सबसे ज्यादा हैक किए गए प्लेटफॉर्म सोशल मीडिया, ई-कॉमर्स और बैंकिंग वेबसाइटें थीं।
चुराए गए डेटा का उपयोग पहचान की चोरी, धोखाधड़ी और अन्य वित्तीय अपराधों के लिए किया जा सकता है।

रिपोर्ट के मुख्य बिंदु:
प्रभावित अकाउंट्स: रिपोर्ट में बताया गया है कि हैक किए गए अकाउंट्स में ईमेल, सोशल मीडिया, ई-कॉमर्स और बैंकिंग प्लेटफॉर्म शामिल हैं।
डेटा लीक: हैकिंग के कारण, यूजर्स के नाम, पासवर्ड, बैंकिंग जानकारी और अन्य संवेदनशील डेटा लीक हो गए।
भारत की स्थिति: भारत 19 सालों में 320.5 मिलियन से ज़्यादा ऑनलाइन अकाउंट्स के लीक होने के मामले में दुनिया का 8वां सबसे बड़ा देश बन गया है।
अन्य देशों की तुलना: अमेरिका, रूस और चीन जैसे देशों में भी ऑनलाइन अकाउंट्स हैक होने की घटनाएं सामने आई हैं, लेकिन भारत इन देशों से पीछे नहीं है।

हैकरों के तरीके:
फ़िशिंग: हैकर्स अक्सर फ़िशिंग ईमेल और सोशल मीडिया संदेशों का उपयोग करके यूजर्स को धोखा देते हैं और उनकी व्यक्तिगत जानकारी प्राप्त करते हैं।
मालवेयर: वेबसाइटों और ऐप्स में छिपे मालवेयर का इस्तेमाल करके भी हैकर्स यूजर्स के उपकरणों को संक्रमित कर सकते हैं और डेटा चुरा सकते हैं।
ब्रूट फ़ोर्स अटैक: हैकर्स जटिल पासवर्ड क्रैक करने के लिए सॉफ़्टवेयर का उपयोग करते हैं।
खुद को कैसे बचाएं:

मजबूत पासवर्ड: हर अकाउंट के लिए अलग और मजबूत पासवर्ड का उपयोग करें।
दो-कारक प्रमाणीकरण: अपने अकाउंट्स में दो-कारक प्रमाणीकरण (2FA) सक्षम करें।
एंटी-वायरस और एंटी-मैलवेयर सॉफ़्टवेयर: अपने उपकरणों में अपडेटेड एंटी-वायरस और एंटी-मैलवेयर सॉफ़्टवेयर इंस्टॉल करें।
संदिग्ध गतिविधि: किसी भी संदिग्ध गतिविधि के बारे में तुरंत संबंधित कंपनी को सूचित करें।
सावधानी बरतें: ऑनलाइन गतिविधियों के दौरान सावधानी बरतें और केवल भरोसेमंद वेबसाइटों और ऐप्स का उपयोग करें।

भारत में बढ़ते साइबर खतरों से निपटने के लिए जागरूकता बढ़ाना और मजबूत सुरक्षा उपाय करना महत्वपूर्ण है। यूजर्स को अपनी ऑनलाइन सुरक्षा के प्रति सतर्क रहना चाहिए और खुद को बचाने के लिए आवश्यक कदम उठाने चाहिए।

- दीपक शर्मा

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