
12 फरवरी 2025। इंस्टाग्राम ने भारत में अपने नए 'टीन अकाउंट' फीचर की घोषणा की है, जो बच्चों की ऑनलाइन सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए डिजाइन किया गया है। इस फीचर के तहत बच्चों के अकाउंट्स में ऑटोमैटिक सेफगार्ड्स और माता-पिता के लिए सुपरविज़न टूल्स उपलब्ध कराए जाएंगे, जिससे वे अपने बच्चों की डिजिटल गतिविधियों पर निगरानी रख सकेंगे।
मेटा का सुरक्षित सोशल मीडिया का प्रयासमेटा, जो इंस्टाग्राम का पेरेंट कंपनी है, लंबे समय से बच्चों को सोशल मीडिया के संभावित खतरों से सुरक्षित रखने के प्रयास में जुटा हुआ है। इसी कड़ी में इंस्टाग्राम पर 'टीन अकाउंट' फीचर जोड़ा गया है, जो बच्चों और किशोरों को ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर सुरक्षित अनुभव प्रदान करने में मदद करेगा। अब यह फीचर भारत में भी उपलब्ध है और इसे चरणबद्ध तरीके से रोलआउट किया जाएगा।
सेफर इंटरनेट डे के अवसर पर लॉन्चइस फीचर को 11 फरवरी 2025 को 'सेफर इंटरनेट डे' के मौके पर भारत में लॉन्च किया गया। हालांकि, यह फीचर सभी यूजर्स के लिए एक साथ उपलब्ध नहीं होगा, बल्कि धीरे-धीरे इंस्टाग्राम के भारतीय यूजर्स तक पहुंचेगा। अगर आपके अकाउंट में यह फीचर अभी नहीं दिख रहा है, तो आपको थोड़ा इंतजार करना पड़ सकता है।
पेरेंट्स की चिंताओं का समाधानऑनलाइन सुरक्षा को लेकर माता-पिता की चिंता स्वाभाविक है—बच्चे किससे बात कर रहे हैं, कौन-सा कंटेंट देख रहे हैं, और कितनी देर सोशल मीडिया पर बिता रहे हैं। इंस्टाग्राम का नया फीचर इन सभी सवालों का जवाब देता है। अब 16 साल से कम उम्र के यूजर्स के लिए विशेष सुरक्षा उपाय स्वतः सक्रिय रहेंगे।
'टीन अकाउंट' फीचर की प्रमुख विशेषताएँ:
प्राइवेट अकाउंट डिफॉल्ट सेटिंग:सभी टीन अकाउंट्स डिफॉल्ट रूप से प्राइवेट होंगे, यानी यूजर्स को नए फॉलोअर्स को मैन्युअली अप्रूव करना होगा। अनजान लोग न तो उनसे सीधे संपर्क कर सकेंगे और न ही उनके पोस्ट देख पाएंगे। यह फीचर 16 साल से कम उम्र के मौजूदा और नए यूजर्स पर लागू होगा।
मैसेजिंग रिस्ट्रिक्शन:किशोर अब केवल उन्हीं लोगों के मैसेज प्राप्त कर सकेंगे जिन्हें वे जानते हैं या फॉलो करते हैं। इससे अनजान लोगों से अनावश्यक संवाद को रोका जा सकेगा।
सेंसिटिव कंटेंट कंट्रोल:टीन अकाउंट्स में 'मोस्ट रिस्ट्रिक्टिव' सेटिंग्स ऑटोमैटिकली लागू होंगी, जिससे संवेदनशील या अनुचित कंटेंट की पहुंच को सीमित किया जाएगा।
मेटा का यह कदम भारत में किशोरों की ऑनलाइन सुरक्षा को सुदृढ़ करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल है, जो डिजिटल दुनिया को बच्चों के लिए और अधिक सुरक्षित और जिम्मेदार बनाएगा।