
28 फरवरी 2025। जैसे-जैसे डिजिटल दुनिया तेजी से विकसित हो रही है, वैसे-वैसे साइबर अपराधी भी नई-नई तकनीकों का इस्तेमाल कर संवेदनशील डेटा चुराने के तरीके अपना रहे हैं। मैन-इन-द-मिडल (MITM) अटैक ऐसा ही एक खतरनाक साइबर हमला है, जिसमें हैकर दो पक्षों के बीच हो रहे संवाद को गुप्त रूप से इंटरसेप्ट कर डेटा चुरा सकता है या उसमें हेरफेर कर सकता है।
क्या है मैन-इन-द-मिडल (MITM) अटैक?
मैन-इन-द-मिडल (MITM) अटैक एक साइबर अपराध तकनीक है, जिसमें हैकर किसी यूजर और वेबसाइट, एप्लिकेशन या नेटवर्क के बीच खुद को शामिल कर लेता है। इसका मतलब है कि यूजर को पता भी नहीं चलता और उसका डेटा चोरी हो जाता है। इससे वित्तीय नुकसान, निजी जानकारी की चोरी और संवेदनशील डेटा के दुरुपयोग की संभावना बढ़ जाती है।
कैसे होता है MITM अटैक?
MITM अटैक को अंजाम देने के कई तरीके होते हैं, जिनमें से कुछ प्रमुख तरीके नीचे दिए गए हैं:
1. Wi-Fi ईव्सड्रॉपिंग
साइबर अपराधी नकली Wi-Fi हॉटस्पॉट (Evil Twin) बनाते हैं, जो किसी असली नेटवर्क की तरह दिखता है।
जब यूजर इस नेटवर्क से कनेक्ट करता है, तो उसके द्वारा भेजा गया हर डेटा हैकर के पास पहुंच जाता है।
बैंकिंग डिटेल्स, पासवर्ड और अन्य संवेदनशील जानकारी आसानी से चोरी हो सकती है।
2. सेशन हाईजैकिंग
इस तकनीक में हैकर ब्राउज़र कुकीज़ को इंटरसेप्ट कर लेता है।
इससे यूजर के लॉगिन डिटेल्स और अन्य व्यक्तिगत जानकारी चुराई जा सकती है।
हैकर इस डेटा का उपयोग करके पीड़ित के अकाउंट को एक्सेस कर सकता है।
3. SSL स्ट्रिपिंग
आमतौर पर वेबसाइट्स डेटा को सुरक्षित रखने के लिए HTTPS (Hypertext Transfer Protocol Secure) का उपयोग करती हैं।
SSL स्ट्रिपिंग अटैक में हैकर HTTPS को HTTP में बदल देता है, जिससे डेटा बिना एन्क्रिप्शन के ट्रांसमिट होता है और चोरी हो सकता है।
4. DNS स्पूफिंग
DNS (Domain Name System) इंटरनेट का फोनबुक होता है, जो वेबसाइट के नाम को उसके IP एड्रेस से जोड़ता है।
हैकर DNS कैश को बदलकर यूजर को असली वेबसाइट की जगह नकली वेबसाइट पर भेज सकता है, जहां से उसकी जानकारी चोरी हो सकती है।
5. मैन-इन-द-ब्राउज़र (MITB) अटैक
इस अटैक में हैकर किसी यूजर के वेब ब्राउज़र में मैलवेयर डालकर उसके द्वारा टाइप की गई जानकारी चुरा सकता है।
यह तरीका खासतौर पर बैंकिंग ट्रांजेक्शन और ऑनलाइन शॉपिंग के दौरान संवेदनशील डेटा चोरी करने के लिए इस्तेमाल किया जाता है।
MITM अटैक कितना आम है?
मैन-इन-द-मिडल अटैक्स साइबर अपराधियों के बीच काफी लोकप्रिय हैं, खासकर सार्वजनिक Wi-Fi नेटवर्क के कारण।
IBM X-Force Threat Intelligence Index के अनुसार, 35% साइबर अपराध MITM तकनीकों का उपयोग करके किए जाते हैं।
2021 Data Breach Investigations Report के अनुसार, साइबर अपराध से जुड़े 58% से अधिक फोरम पोस्ट और मार्केटप्लेस लिस्टिंग में बैंकिंग डेटा मौजूद होता है, जिसे MITM जैसे अटैक्स के जरिए चुराया गया होता है।
MITM अटैक्स से बचाव के तरीके
MITM अटैक्स से बचने के लिए कुछ जरूरी सुरक्षा उपाय अपनाने चाहिए:
व्यक्तिगत सुरक्षा उपाय:
✅ पब्लिक Wi-Fi का उपयोग न करें या हमेशा VPN (Virtual Private Network) का इस्तेमाल करें।
✅ केवल HTTPS वेबसाइट्स पर जाएं और URL में लॉक आइकन चेक करें।
✅ मजबूत और अलग-अलग पासवर्ड इस्तेमाल करें और पासवर्ड मैनेजर का उपयोग करें।
✅ टू-फैक्टर ऑथेंटिकेशन (2FA) सक्षम करें ताकि अनधिकृत लॉगिन से बचा जा सके।
✅ फिशिंग ईमेल और संदिग्ध लिंक पर क्लिक करने से बचें।
संस्थानिक सुरक्षा उपाय:
🔹 SSL/TLS एन्क्रिप्शन लागू करें ताकि सभी वेबसाइट और एप्लिकेशन सुरक्षित रहें।
🔹 Wi-Fi नेटवर्क को सुरक्षित बनाएं और केवल अधिकृत यूजर्स को ही एक्सेस दें।
🔹 कर्मचारियों को साइबर सुरक्षा का प्रशिक्षण दें ताकि वे सोशल इंजीनियरिंग और साइबर हमलों से बच सकें।
निष्कर्ष
डिजिटल युग में ऑनलाइन सुरक्षा बेहद जरूरी हो गई है। जैसे-जैसे पब्लिक नेटवर्क और इंटरनेट सेवाओं का उपयोग बढ़ रहा है, वैसे-वैसे साइबर हमलों का खतरा भी बढ़ रहा है। मैन-इन-द-मिडल अटैक से बचने के लिए सतर्कता और सही सुरक्षा उपाय अपनाना बेहद जरूरी है।
✅ सुरक्षित नेटवर्क का उपयोग करें, HTTPS पर ही भरोसा करें, मजबूत पासवर्ड रखें और 2FA सक्षम करें।
✅ संस्थान और कंपनियों को मजबूत साइबर सुरक्षा नीतियां लागू करनी चाहिए ताकि ग्राहक और संवेदनशील डेटा सुरक्षित रह सके।
इन छोटे-छोटे सुरक्षा उपायों को अपनाकर आप साइबर अपराधियों का शिकार बनने से बच सकते हैं और अपने डेटा को सुरक्षित रख सकते हैं। 🚀🔒
- दीपक शर्मा
प्रतिवाद