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स्मार्टवॉच: पार्किंसंस रोग के शुरुआती लक्षणों का पता लगाने में सहायक

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Location: भोपाल                                                 👤Posted By: prativad                                                                         Views: 2201

भोपाल: 24 जून 2024। पार्किंसंस रोग एक न्यूरोडिजेनरेटिव विकार है जो दुनिया भर में लाखों लोगों को प्रभावित करता है. इस रोग के लक्षणों का प्रबंधन करने और संभावित रूप से रोग की प्रगति को धीमा करने के लिए早期 पता लगाना महत्वपूर्ण है. परंपरागत रूप से, निदान के लिए शारीरिक परीक्षणों और कंपन और जकड़न जैसी गति की समस्याओं के अवलोकन पर निर्भर करता है. हालांकि, हाल के शोध से पता चलता है कि स्मार्टवॉच पार्किंसंस रोग के शुरुआती लक्षणों का पता लगाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती हैं.

सूक्ष्म बदलाव: स्मार्टवॉच पार्किंसंस रोग की पहचान कैसे कर सकती हैं
स्मार्टवॉच में इन-बिल्ट एक्सेलरोमीटर होते हैं, जो गतिविधि और व्यायाम को ट्रैक करते हैं. इन सेंसरों से डेटा का विश्लेषण करके, शोधकर्ता गति पैटर्न में सूक्ष्म परिवर्तनों की पहचान कर सकते हैं जो पार्किंसंस रोग के संकेत हो सकते हैं.

दिन में कम गतिविधि: नेचर मेडिसिन [नेचर मेडिसिन अध्ययन - पार्किंसंस पर] में प्रकाशित 2021 के एक अध्ययन में यूके बायोबैंक में 100,000 से अधिक प्रतिभागियों के डेटा का विश्लेषण किया गया. शोधकर्ताओं ने पाया कि जिन लोगों में बाद में पार्किंसंस रोग विकसित हुआ, उनमें स्मार्टवॉच के एक्सेलेरोमीटर द्वारा मापी गई दिन की गतिविधि, निदान से सात साल पहले तक कम हो गई थी.

चलने में बदलाव: विश्लेषण का एक अन्य क्षेत्र चाल विश्लेषण है. पार्किंसंस रोग चलने के पैटर्न में बदलाव पैदा कर सकता है, जैसे छोटे कदम, धीमी गति से चलना और हाथ कम हिलाना. स्मार्टवॉच इन परिवर्तनों को प्रभावी ढंग से कैप्चर कर सकती हैं, जिससे शुरुआती पहचान हो सकेगी.

कंपन निगरानी: कुछ स्मार्टवॉच में कंपन की निगरानी के लिए डिज़ाइन किए गए विशिष्ट ऐप भी होते हैं, जो पार्किंसंस रोग का एक मुख्य लक्षण है. ये ऐप कंपन की आवृत्ति और गंभीरता को ट्रैक कर सकते हैं, जो डॉक्टरों के लिए मूल्यवान डेटा प्रदान करते हैं.

जल्दी पता लगाने का संभावित प्रभाव
पार्किंसंस रोग का जल्दी पता लगाना रोगियों के जीवन पर महत्वपूर्ण प्रभाव डाल सकता है. यहाँ बताया गया है कैसे:

पहले का उपचार: जल्दी निदान दवाओं और उपचारों के साथ जल्दी हस्तक्षेप की अनुमति देता है जो लक्षणों को प्रबंधित करने और संभावित रूप से रोग की प्रगति को धीमा करने में मदद कर सकते हैं.

बेहतर नैदानिक परीक्षण: उच्च जोखिम वाले लोगों की पहचान करके, शोधकर्ता उन्हें नए उपचारों के नैदानिक परीक्षणों के लिए नामांकन कर सकते हैं, जिससे प्रभावी उपचारों के विकास में तेजी आ सकती है.

व्यक्तिगत देखभाल: जल्दी पता लगाना प्रत्येक रोगी की विशिष्ट आवश्यकताओं को पूरा करने वाली व्यक्तिगत देखभाल योजनाओं का मार्ग प्रशस्त करता है.

वर्तमान चरण और भविष्य का विकास
यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि पार्किंसंस रोग का पता लगाने के लिए स्मार्टवॉच तकनीक अभी भी विकास में है. जबकि प्रारंभिक शोध आशाजनक है, इसकी प्रभावशीलता की पुष्टि के लिए बड़े पैमाने पर अध्ययन की आवश्यकता है. इसके अतिरिक्त, स्मार्टवॉच का उपयोग स्व-निदान के लिए नहीं किया जाना चाहिए. यदि आप पार्किंसंस रोग के किसी भी लक्षण का अनुभव करते हैं, तो स्वास्थ्य देखभाल पेशेवर से परामर्श करें.

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