×

सदन में उमंग सिंघार ने की मांग: तत्कालीन मंत्री विश्वास सारंग इस्तीफा दें

prativad news photo, top news photo, प्रतिवाद
Place: भोपाल                                                👤By: prativad                                                                Views: 719

विजयवर्गीय-सिंघार में तू-तू मैं-मैं, सिंघार ने ललकारा- आरोप गलत निकले तो पद छोड़ दूंगा

2 जुलाई 2024। नर्सिंग मामले में सदन में मंत्री विश्वास सारंग ने अपना पक्ष रखते हुए कहा कि सुबह से उनका नाम बार-बार लिया जा रहा है। ऐसा प्रतीत हो रहा है कि जैसे विश्वास सारंग एक माफिया हैं। उन्होंने कहा कि उन पर निजी आक्रमण किया जा रहा है, जबकि नर्सिंग काउंसलिंग ऑटोनोमस है और इसमें मंत्री का हस्तक्षेप नहीं होता। सारंग ने बताया कि आरोप लगाने से पहले तथ्यों को पढ़ना चाहिए। सुनीता सुजू ने कांग्रेस सरकार के दौरान कॉलेज को मान्यता दी। 20 मार्च को कमलनाथ का इस्तीफा हुआ था और उस दिन तत्कालीन मंत्री ने 354 से अधिक मान्यताएं दी थीं।

सारंग ने कहा कि कमलनाथ अपनी सरकार बचाने में लगे थे, जबकि उनके मंत्री कॉलेजों को मान्यता दे रहे थे। उन्होंने विपक्ष पर आरोप लगाया कि उन्हें मान्यता और संबद्धता में अंतर नहीं समझ आ रहा है। कांग्रेस सरकार ने 100 कॉलेज दो महीनों में ही खोल दिए थे। सारंग ने बताया कि उन्होंने 415 कॉलेज का सत्यापन करवाया, जिसमें से 150 कॉलेज बंद कर दिए गए। स्वास्थ्य मंत्री राजेन्द्र शुक्ला ने कहा कि नर्सिंग मामले में विपक्ष के आरोप आधारहीन हैं। हाईकोर्ट के निर्देश पर नर्सिंग कॉलेज मामले की जांच के लिए रिटायर्ड जज की अगुवाई में कमेटी बनी है और कोर्ट के निर्देश के मुताबिक कार्रवाई होगी।

सदन में उमंग सिंघार ने मांग की कि तत्कालीन मंत्री विश्वास सारंग इस्तीफा दें और घोटाले की सर्वदलीय जांच कराई जाए। साथ ही उन कर्मचारियों पर भी कार्रवाई की जाए जिन्होंने घोटाला कराया और नर्सों को आयुक्त तक बना दिया।

वहीं, मंत्री विश्वास सारंग ने कहा कि कोई भी फाइल मंत्री तक नहीं आती और निर्णय नर्सिंग काउंसिल द्वारा ही लिया जाता है। उन्होंने बताया कि कांग्रेस सरकार में सुनीता शिजू ने अनुमति दी थी और कांग्रेस सरकार में दो-दो बार अनुमति जारी की गई थी। हेमंत कटरे ने कहा कि सरकार को आरोप लगाने की बजाय कार्रवाई करनी चाहिए और दोनों समय की सीबीआई जांच करानी चाहिए।

उमंग सिंघार ने सदन में कहा कि प्रदेश के हजारों छात्रों को पता नहीं था कि जिन कॉलेज में उन्होंने एडमिशन लिया है, वे फर्जी हैं। नर्सिंग घोटाले के लिए नियम बदले गए थे और 2020-21 में सबसे ज्यादा नर्सिंग कॉलेज खोले गए थे। उन्होंने आरोप लगाया कि चार अधिकारी और मंत्री नर्सिंग काउंसलर चला रहे थे और काउंसिल चलाने का अधिकार नहीं था। सिंघार ने कहा कि काउंसिल का कंट्रोल अवैध तरीके से लिया गया और धारा-31 का दुरुपयोग किया गया।

कैलाश विजयवर्गीय ने उमंग सिंगार के आरोपों को सदन की कार्यवाही के विरुद्ध बताया। इस पर उमंग सिंगार ने कहा कि अगर उनके आरोप गलत साबित हुए तो वह नेता प्रतिपक्ष का पद छोड़ देंगे।

कांग्रेस के बदनावर से विधायक भंवर सिंह शेखावत ने मांग की कि इस मामले में दोनों पक्षों की एक कमेटी बनाई जाए और इसमें सिर्फ मंत्री ही नहीं, बल्कि पटवारी से लेकर कलेक्टर और शासन में बैठे अधिकारी भी दोषी हैं। कांग्रेस विधायक दिनेश जैन ने सवाल किया कि 14,000 में से 13,000 फैकल्टी जो दूसरे राज्यों की हैं और जिनके पास कोई रजिस्ट्रेशन भी नहीं है, उनके ऊपर क्या कार्रवाई होगी। उन्होंने विष्णु कुमार पर भी सवाल उठाया जो कई कॉलेज में प्रिंसिपल और उप प्रिंसिपल रहे हैं।

कांग्रेस के बड़वानी से विधायक राजन मंडलोई ने कहा कि एक व्यक्ति आठ-आठ कॉलेज के प्राचार्य रहे और कॉलेज कागजों में चलते रहे। बच्चों के डॉक्यूमेंट कॉलेज वालों ने जबरदस्ती रख लिए जिससे उनका भविष्य खराब हुआ। प्रताप ग्रेवाल ने कहा कि इस मामले में जिन पर कार्रवाई हुई है, उनके ऊपर किनका दबाव था, इसकी जांच की जानी चाहिए।

Related News

Global News