
4 जूलाई 2024। मध्यप्रदेश विधानसभा में बजट सत्र के चौथे दिन कांग्रेस ने नर्सिंग घोटाला, महाकाल लोक में भ्रष्टाचार और अन्य मुद्दों पर सरकार को घेरा। कांग्रेस विधायक महेश परमार ने उज्जैन में सिंहस्थ के नाम पर बेशकीमती जमीन की बंदरबांट का आरोप लगाया, जिससे सदन में हंगामा हो गया।
मुख्य विपक्षी नेता उमंग सिंघार ने लोकसभा चुनाव से पहले किए गए 8 हजार करोड़ की घोषणाओं पर सवाल उठाते हुए कहा कि इनमें से 8 करोड़ का भी काम शुरू नहीं हुआ है। उन्होंने कहा कि मध्य प्रदेश में अन्य राज्यों के मुकाबले पेट्रोल-डीजल सबसे महंगा है और बजट में इसे कम करने के लिए कोई प्रावधान नहीं है।
इससे पहले, नर्सिंग घोटाले के मामले में उमंग सिंघार ने मंत्री विश्वास सारंग के खिलाफ विशेषाधिकार हनन पर चर्चा की मांग की, जिस पर विधानसभा अध्यक्ष ने सूचनाएं मिलने के बाद निर्णय लेने की बात कही। विपक्ष चर्चा कराने पर अड़ा रहा, जिससे सदन में हंगामे की स्थिति बन गई।
संसदीय कार्य मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने कहा कि प्रदेश में अवैध कॉलोनियों को वैध नहीं किया जाएगा, लेकिन जरूरी सुविधाओं का ध्यान रखा जाएगा। MSME मंत्री चैतन काश्यप ने मंत्री पद के वेतन-भत्ते छोड़ने का ऐलान किया।
बजट पर विधानसभा में रात 10 बजे तक चर्चा चली। वित्त मंत्री के बयान पर कांग्रेस विधायकों ने विरोध किया। वित्त मंत्री ने कहा कि संकल्प पत्र में किए गए वादों को 100% पूरा किया जाएगा। विपक्ष के नेता उमंग सिंघार ने भ्रष्टाचार और सरकारी संपत्तियों की बिक्री पर सवाल उठाए।
विधायक हरदीप सिंह डंग ने अवैध कॉलोनियों को वैध करने का मामला उठाया। विपक्षी विधायकों ने विभिन्न मुद्दों जैसे किसान विरोधी नीतियों, बेरोजगारी, शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाओं की कमी पर भी सवाल उठाए।
सदन में विभिन्न मुद्दों पर बहस और हंगामा जारी रहा, जिसमें विपक्ष ने सरकार की नीतियों और बजट को लेकर अपनी चिंताओं को व्यक्त किया।