5 जुलाई 2024। मध्यप्रदेश विधानसभा के मानसून सत्र के पांचवें दिन की शुरुआत हंगामे से हुई, जब जल जीवन मिशन में भ्रष्टाचार का मुद्दा उठा और विपक्ष ने मंत्री कैलाश विजयवर्गीय के जवाब से असंतुष्ट होकर वॉक आउट कर दिया। इसके बाद सदन में अनुदान मांगों पर चर्चा के दौरान भी हंगामा हुआ, जब विजयवर्गीय ने सभी विभागों की अनुदान मांगों पर एक साथ चर्चा करने का प्रस्ताव रखा, जिसका नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने विरोध किया।
मध्यप्रदेश विधानसभा के मानसून सत्र का शुक्रवार को पांचवां दिन:
जल जीवन मिशन में भ्रष्टाचार का मुद्दा:
सत्र की शुरुआत प्रश्नोत्तर काल में जल जीवन मिशन के काम में भ्रष्टाचार का मुद्दा उठने से हंगामे से हुई।
मंत्री कैलाश विजयवर्गीय के जवाब से नाखुश होकर विपक्ष ने वॉक आउट कर दिया।
अनुदान मांगों पर चर्चा:
सभी विधेयक पारित होने के बाद अनुदान मांगों पर चर्चा के दौरान भी हंगामा हुआ।
संसदीय कार्य मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने प्रस्ताव रखा कि विभागवार अनुदान मांगों पर चर्चा करने की बजाय एक साथ सभी विभागों की अनुदान मांगों पर चर्चा की जाए।
नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने इसका विरोध किया, लेकिन अध्यक्ष ने बहुमत के आधार पर एक साथ चर्चा करने का फैसला लिया, जिससे कांग्रेसी सदन में विरोध करने लगे और शोर शराबे की स्थिति बन गई।
वित्त मंत्री जगदीश देवड़ा ने शोर शराबे के बीच विभागीय अनुदान मांगों को पारित करने का प्रस्ताव रखा।
विधानसभा में पारित विधेयक:
मप्र माल एवं सेवा कर संशोधन विधेयक 2024 पारित किया गया, जिसमें पान मसाला की दुकानों का रजिस्ट्रेशन अनिवार्य किया गया है और ऐसा न करने पर ₹1,00,000 की पेनल्टी तय की गई है।
मध्यप्रदेश खुले नलकूप में इंसानों के गिरने से होने वाली दुर्घटनाओं की रोकथाम एवं सुरक्षा विधेयक 2024 सर्व सम्मति से पारित किया गया।
गोवंश वध विधेयक पर हंगामा:
विधायक ओंकार सिंह मरकाम ने गोवंश वध प्रतिषेध संशोधन अधिनियम पर चर्चा के दौरान कहा कि गौ माता के महत्व को समझाने के लिए सभी धर्मों की एक बैठक बुलाई जाए।
उन्होंने कहा कि गाय की मृत्यु पर उसे खुले में छोड़ दिया जाता है और उसके चमड़े से बने ढोलक मंदिर में बजाई जाती है, जिस पर भाजपा विधायकों ने विरोध शुरू कर दिया और बहस की स्थिति बन गई।
मरकाम ने बाद में माफी मांगी लेकिन कहा कि वह चार बार के विधायक और मंत्री रह चुके हैं, लेकिन उन्हें अभी भी किसी के घर जाकर भोजन करने के बाद थाली धोनी पड़ती है, जिससे फिर हंगामा हुआ।
अल्पसंख्यक शिक्षा का मुद्दा:
भाजपा विधायक अभिलाष पांडे ने अल्पसंख्यक बच्चों को राष्ट्रीय शिक्षा नीति के साथ पढ़ाई करने की मांग की और कहा कि मदरसे में पढ़ने वाले बच्चों को समान शिक्षा का अधिकार मिलना चाहिए।
उच्च शिक्षा मंत्री इंदर सिंह परमार ने कहा कि संविधान के अनुच्छेद 30 का दुरुपयोग हो रहा है और अल्पसंख्यक संस्थानों को व्यापक राय के आधार पर मान्यता दी जानी चाहिए।
विपक्ष का वॉक आउट और नारेबाजी:
जल जीवन मिशन में भ्रष्टाचार के आरोप को लेकर विपक्ष ने सदन से वॉक आउट कर दिया और बाहर आकर नारेबाजी करने लगे।
विधायकों की समस्याएँ और मांगें:
धरमपुरी विधायक कालू सिंह ठाकुर ने कहा कि उनके क्षेत्र में 10 साल पुराने काम अब तक पूरे नहीं हुए हैं।
विधायक श्रीकांत चतुर्वेदी ने मैहर के अस्पताल में सरकारी वाहन सुविधा न होने की शिकायत की।
भोपाल की हुजूर सीट से विधायक रामेश्वर शर्मा ने कहा कि भारत में रहने वाले सभी लोगों को संविधान और कानून का सम्मान करना होगा।
इस प्रकार, मध्यप्रदेश विधानसभा के मानसून सत्र के पांचवें दिन विभिन्न मुद्दों पर हंगामा और चर्चा के साथ बीता।
मध्यप्रदेश विधानसभा मानसून सत्र का पांचवां दिन: हंगामा और महत्वपूर्ण विधेयक पारित
Place:
भोपाल 👤By: prativad Views: 633
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