
27 जुलाई 2024। भारत में इंटरनेट पहुंच को एक नई दिशा देने की तैयारी में सरकार ने एक बिल पर विचार शुरू कर दिया है जिसका उद्देश्य नागरिकों को मुफ्त इंटरनेट प्रदान करना है। यदि यह बिल पास हो जाता है तो इससे देश में डिजिटल डिवाइड कम करने और ग्रामीण तथा पिछड़े इलाकों में इंटरनेट पहुंच बढ़ाने में काफी मदद मिलेगी।
पिछले साल राज्यसभा में पेश किया गया 'राइट टू फ्री इंटरनेट' बिल इंटरनेट को एक मौलिक अधिकार बनाने का प्रयास करता है। राष्ट्रपति की सिफारिश के बाद सरकार अब इस बिल पर विचार कर रही है।
हालांकि मुफ्त इंटरनेट योजना की रूपरेखा अभी तय नहीं हुई है लेकिन इसके संभावित लाभ काफी हैं। इंटरनेट सेवाओं पर कम खर्च से डिजिटल साक्षरता और समावेशिता को बढ़ावा मिल सकता है। इसके अलावा इससे दूरदराज के इलाकों में कारोबार और लोगों को सशक्त बनाने में मदद मिल सकती है।
लेकिन इस तरह की बड़ी योजना को सफलतापूर्वक लागू करने के लिए बुनियादी ढांचे का विकास, डिजिटल साक्षरता कार्यक्रम और समान पहुंच सुनिश्चित करना जैसी चुनौतियों का सामना करना होगा।
टेलीकॉम उद्योग भी इस विकास को करीब से देख रहा है क्योंकि मुफ्त इंटरनेट सेवा से मौजूदा व्यापार मॉडल प्रभावित हो सकते हैं।
सरकार इस बिल पर विचार कर रही है और देश इस संभावित बदलाव वाली नीति के अंतिम रूप का इंतजार कर रहा है।