25 नवंबर 2024। सांख्यिकी एवं कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय के अंतर्गत राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (एनएसओ) ने देश भर में किए जाने वाले सामाजिक-आर्थिक सर्वेक्षणों में डिजिटल तकनीक का व्यापक उपयोग शुरू किया है। इससे डेटा संग्रह की गुणवत्ता और दक्षता में काफी सुधार हुआ है।
राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (एनएसओ), जो सांख्यिकी एवं कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय (एमओएसपीआई) के अधीन कार्यरत है, अखिल भारतीय स्तर पर विभिन्न सामाजिक-आर्थिक विषयों पर व्यापक नमूना सर्वेक्षण करता है। ये सर्वेक्षण परिवार और उद्यम आधारित होते हैं। परिवार आधारित सर्वेक्षणों में प्राथमिक इकाई परिवार होती है, जबकि उद्यम आधारित सर्वेक्षणों में इकाई एक उद्यम होता है। इन सर्वेक्षणों का उद्देश्य विभिन्न मंत्रालयों और विभागों की जरूरतों को पूरा करना है, जिन्हें विशेषज्ञ समूहों और समितियों की सिफारिशों के आधार पर डिज़ाइन किया जाता है।
डिजिटल प्लेटफ़ॉर्म पर डेटा संग्रहण
इन सर्वेक्षणों में कंप्यूटर असिस्टेड पर्सनल इंटरव्यू (सीएपीआई) और वेब-आधारित एप्लिकेशन का उपयोग किया जाता है, ताकि डेटा संग्रह के दौरान सटीकता और सत्यापन सुनिश्चित किया जा सके। इसमें इन-बिल्ट सत्यापन तंत्र का इस्तेमाल किया जाता है।
संग्रहित डेटा की समीक्षा पर्यवेक्षी अधिकारी करते हैं, जो असंगतियों की पहचान और सुधार सुनिश्चित करते हैं। डिजिटल प्लेटफ़ॉर्म के जरिए सर्वेक्षण की निगरानी की जाती है।
अधिकारियों का प्रशिक्षण और गुणवत्ता प्रबंधन
सर्वेक्षण शुरू होने से पहले, अधिकारियों को सीएपीआई और अन्य सर्वेक्षण उपकरणों पर व्यापक प्रशिक्षण दिया जाता है। सर्वेक्षण के दौरान उत्पन्न प्रश्नों का समाधान नियमित रूप से किया जाता है। डेटा गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए कार्यशालाएं आयोजित की जाती हैं। साथ ही, मंत्रालयों और विभागों के साथ समन्वय स्थापित कर कार्यों और प्रयासों के दोहराव से बचा जाता है।
डेटा उपयोगकर्ताओं के साथ संवाद
डेटा उपयोगकर्ताओं की जरूरतों को समझने के लिए नियमित संवाद आयोजित किए जाते हैं। नमूना सर्वेक्षणों के परिणाम जारी होने के बाद, डेटा उपयोगकर्ता सम्मेलन आयोजित किए जाते हैं, जिसमें डेटा की व्याख्या, उपयोग और सर्वेक्षण पद्धति पर चर्चा होती है। इसके अलावा, पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए सर्वेक्षण के यूनिट स्तर के डेटा को मंत्रालय की वेबसाइट पर सार्वजनिक किया जाता है। यह डेटा नीति निर्माताओं, शोधकर्ताओं और अन्य हितधारकों को देश के सामाजिक-आर्थिक परिदृश्य का गहन अध्ययन और विश्लेषण करने में मदद करता है।
यह जानकारी सांख्यिकी एवं कार्यक्रम कार्यान्वयन राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार), राव इंद्रजीत सिंह ने राज्य सभा में एक लिखित उत्तर के माध्यम से साझा की।
डिजिटल तकनीक का उपयोग: सटीक डेटा संग्रहण की दिशा में बड़ा कदम
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Bhopal 👤By: prativad Views: 71
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