
29 नवंबर 2024। भारत ने डिजिटल दुनिया में अपनी छाप छोड़ते हुए नेटवर्क रेडीनेस इंडेक्स (NRI) 2024 में 11 स्थान की छलांग लगाकर 49वीं रैंक हासिल की है। यह रिपोर्ट पोर्टुलांस इंस्टीट्यूट द्वारा जारी की गई है, जिसमें 133 देशों की डिजिटल तत्परता का मूल्यांकन तकनीक, लोग, शासन और प्रभाव जैसे चार प्रमुख स्तंभों और 54 संकेतकों के आधार पर किया गया है।
2023 में भारत का स्कोर 49.93 था, जो 2024 में बढ़कर 53.63 हो गया, यह डिजिटल और तकनीकी बदलाव में देश की तेज़ प्रगति को दर्शाता है।
भारत की प्रमुख उपलब्धियां
भारत ने कई क्षेत्रों में वैश्विक नेतृत्व दिखाया है और कुछ मुख्य रैंकिंग इस प्रकार हैं:
पहला स्थान: एआई वैज्ञानिक प्रकाशन, एआई प्रतिभा का संकेन्द्रण, और आईसीटी सेवा निर्यात।
दूसरा स्थान: एफटीटीएच/बिल्डिंग इंटरनेट सदस्यता, मोबाइल ब्रॉडबैंड ट्रैफिक, और अंतरराष्ट्रीय इंटरनेट बैंडविड्थ।
तीसरा स्थान: घरेलू बाजार के पैमाने में।
चौथा स्थान: दूरसंचार सेवाओं में वार्षिक निवेश।
निम्न-मध्यम आय वाले देशों में प्रदर्शन
भारत, निम्न-मध्यम आय वर्ग के देशों में वियतनाम के बाद दूसरे स्थान पर है। यह डिजिटल और दूरसंचार क्षेत्रों में भारत की असाधारण प्रगति को दर्शाता है।
डिजिटल विकास की प्रमुख उपलब्धियां
भारत की इस उन्नति का श्रेय दूरसंचार विभाग (DoT) द्वारा चलाए गए परिवर्तनकारी अभियानों को जाता है। पिछले दशक में भारत ने अपने दूरसंचार बुनियादी ढांचे में उल्लेखनीय सुधार किया है:
टेलीघनत्व में 75.2% से बढ़कर 84.69% तक की वृद्धि।
वायरलेस कनेक्शनों की संख्या अब 1.19 बिलियन से अधिक हो गई है।
इंटरनेट उपयोगकर्ताओं की संख्या में जबरदस्त वृद्धि, जो 251 मिलियन से बढ़कर 944 मिलियन हो गई है।
ग्रामीण क्षेत्रों में ब्रॉडबैंड कनेक्टिविटी को बढ़ाने के लिए डिजिटल इंडिया अभियान ने अहम भूमिका निभाई।
5G और 6G की दिशा में प्रगति
भारत में 2022 में 5G सेवाओं की शुरुआत एक ऐतिहासिक कदम थी। इसके कारण भारत की मोबाइल ब्रॉडबैंड स्पीड रैंकिंग 118वें स्थान से 15वें स्थान पर पहुंच गई। अब, भारत 6G विज़न के तहत भविष्य की दूरसंचार प्रौद्योगिकियों का नेतृत्व करने की तैयारी कर रहा है।
प्रौद्योगिकी और नवाचार में भारत का बढ़ता नेतृत्व
एआई, आईसीटी निर्यात और दूरसंचार निवेश के क्षेत्रों में भारत का प्रदर्शन यह साबित करता है कि देश तकनीकी और नवाचार के लिए एक वैश्विक केंद्र बनता जा रहा है। स्पेक्ट्रम प्रबंधन, व्यापार करने में आसानी और उपभोक्ता संरक्षण में सुधारों ने इस क्षेत्र को और सुदृढ़ बनाया है।
नेटवर्क रेडीनेस इंडेक्स 2024 भारत की तकनीकी क्षमताओं और वैश्विक डिजिटल अर्थव्यवस्था में एक अग्रणी स्थान की उसकी प्रतिबद्धता को उजागर करता है। यह रैंकिंग भारत के डिजिटल भविष्य और आर्थिक प्रगति के प्रति उसके समर्पण को प्रमाणित करती है।