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चित्रकूट उपचुनाव जाति वाद और आरक्षण की आग फैली

Place: Bhopal                                                👤By: Admin                                                                Views: 17869

3 नवंबर 2017। मध्य प्रदेश के चित्रकूट में जहां चुनाव जाती वादी आधार ओर लड़े जा रहे है वंही आरक्षण की आग भी चित्रकूट पहुच चुकी है। आरक्षण का विरोध करने वाले स्पाक्स ने जहां निर्दलीय प्रत्याशी महेंद्र मिश्रा का समर्थन किया है तो वही हाल ही में बर्खास्त आईएएस अधिकारी शशि कर्णावत ने एक दलित प्रत्याशी प्रभा कुमारी को समर्थन देकर लोगो से बीजेपी सरकार को दलित विरोधी बताकर उसे हराने की मांग की है।



एक ओर जहां प्रदेश में पदोन्नति में आरक्षण की मांग को लेकर सुप्रीम कोर्ट में मामला चल रहा है तो दूसरी ओर राम की नगरी चित्रकूट में आरक्षण की लड़ाई की झलक साफ दिखाई दे रही है।ये पहली बार है जब सरकारी नौकरीपेशा अधिकारियों के संगठन ने खुलकर प्रत्याशियों के समर्थन किया है।पदोन्नति में आरक्षण का विरोध कर रहे सामान्य पिछड़ा अल्पसंख्यक अधिकारी संघ स्पाक्स ने अपने समर्थन से निर्दलीय महेंद्र मिश्र को उपचुनाव में उतारा है।वहीं बीजेपी सरकार को दलित विरोधी बताते हुए हाल ही में बर्खास्त हुई आईएएस महिला अधिकारी शशि कर्णावत ने भी दलित प्रत्याशी प्रवाह कुमारी को समर्थन देकर आरक्षण की चिंगारी को भड़का दिया है।राजनीतिक पर्यवेक्षक भी मानते है कि चित्रकूट की छेत्रिय राजनीति में जातिवाद के चलते ये संगठन चुनाव में कूदे हैं।



वहीं जिस संगठन स्पाक्स ने अपना निर्दलीय प्रत्याशी उपचुनाव में उतारा है वह सामान्य पिछड़ा अधिकारी कर्मचारी संघ नही है बल्कि पदोन्नति में आरक्षण का विरोध करने वाला सामान्य पिछड़ा अद्गीकरी कर्मचारी कल्याण संघ है।लेकिन ये संगठन कर्मचारी संघ का समर्थन करता आया है।स्पाक्स के निर्दलीय सवर्ण प्रत्याशी के समर्थन की वजह 50 फीसदी से ज्यादा से सवर्ण अल्पसंख्यक पिछड़ा वोटर होना है।



चित्रकूट में वोटरों की संख्या



- कुल 1 लाख 68 हजार 7 सौ 37 वोटर



-58 हजार ब्राह्मण वोटर



-8 हजार क्षत्रिय वोटर



-16 हजार यादव



- 14 हजार कुशवाहा



- 12 हजार मुस्लिम



-50 हजार हरिजन आदिवासी



- 38 हजार पटेल लोधी कायस्थ वोटर।





वहीं सरकारी नौकरी में रहते हुए दलित मुद्दों पर आवाज उठाने वाली बर्खास्त आईएएस शशि कर्णावत ने भी 35 प्रतिशत से ज्यादा दलित वोटों को ध्यान में रखते हुए दलित प्रत्याशी का समर्थन किया है।जाहिर है स्पाक्स और अजाक्स से सहमति रखने वाले प्रत्याशी इस बार चुनाव जाति के आधार पर लड़ेंगे।



लोकतंत्र में चुनाव मुद्दों समस्याओं अव्यवस्थाओं के खिलाफ लड़े जाने चाहिए लेकिन अब चुनावो में मुद्दे गौण है धर्म और जाति सर्वोपरि।कम से कम राम की नगरी में धर्म के नाम पर नही तो जाति के नाम पर होते चुनाव यही दर्शा रहे है।



- डॉ. नवीन जोशी

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