यदि आप डायबेटिक हैं तो आंखों की करें खास देखभाल: डाॅ. विनिता रामनानी

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Place: Bhopal                                                👤By: डिजिटल डेस्क                                                                Views: 3825

13 नवंबर 2018। यदि आपको अपनी आंखों के आगे हवा में तैरते हुए धागे या धब्बे दिखाई दे रहे हों, चीजें धुंधली दिख रही हो या फिर काले धब्बे दिख रहे हो और रंगों को पहचानने में कठिनाई हो रही हो तो सावधान हो जाएं। यह समस्या डायबेटिक रेटिनोपैथी (मधुमेह नेत्र रोग) हो सकती है। इसका समय पर इलाज न होने पर आप अंधे भी हो सकते हैं। डायबेटिक रेटिनोपैथी हमारे देश में अंधत्व का बहुत बड़ा कारण है। इस बीमारी में आंख (रेटिना) पर खून के धब्बे एवं कमजोर खून की नलकियां बन जाती हैं। खून में शक्कर नियंत्रित न होने एवं 5 साल से पुरानी शुगर से इसका खतरा बढ़ जाता है।



उक्त बात विश्व मधुमेह दिवस की पूर्व संध्या पर आयोजित एक जागरूकता सेमीनार को संबोधित करते हुए बंसल अस्पताल की नेत्र रोग विभाग प्रमुख एवं नेत्र रोग विशेषज्ञा डाॅ. विनिता रामनानी ने कही। यह सेमीनार रोटरी क्लब ईस्ट भोपाल एवं भोपाल मैनेजमेंट एसोसिएशन द्वारा आयोजित किया गया था। रोटरी क्लब ईस्ट भोपाल की अध्यक्षा श्रीमती अल्पना मिश्रा तथा भोपाल मैनेजमेंट एसोसिएशन के अध्यक्ष श्री सुभाष विट्ठलदास व सचिव विश्वास घुषे सहित दोनों संस्थाओं के सदस्य बड़ी संख्या में सेमीनार में उपस्थित थे।



डाॅ. रामनानी ने कहा कि मधुमेह से ग्रस्त लोगों में से लगभग 50 प्रतिशत डायबेटिक रेटिनोपैथी से पीड़ित होते हैं। कुछ कारक जो इस स्थिति को बढ़ाते हैं, उनमें ग्लाइसेमिक नियंत्रण में कमी, उच्च रक्तचाप और उच्च कोलेस्ट्रॉल स्तर शामिल हैं। आमतौर पर डायबेटिक रेटिनोपैथी के रोगियों में कोई शुरूआती लक्षण नहीं होते, मरीजों को इसका पता नियमित सालाना जांच के दौरान चलता है। मरीज को जब कम दिखने लगता है तब तक बीमारी काफी आगे तक बढ़ चुकी होती है, इसलिए सालाना नियमित रेटिना की जांच आवश्यक है।



डाॅ. रामनानी ने आगे बताया कि डायबेटिक रेटिनोपैथी मधुमेह पीड़ितों में अंधेपन का प्रमुख कारण है। हालांकि, यह एक ऐसी स्थिति है, जिसे समय रहते ठीक किया जा सकता है और आगे बढ़ने से रोका जा सकता है। शुरूआती डायबेटिक रेटिनोपैथी का इलाज मधुमेह का सावधानी से प्रबंधन करके किया जा सकता है जबकि गंभीर मामलों का लेजर उपचार द्वारा या शल्य-चिकित्सा द्वारा इलाज किया जा सकता है।



उन्होंने बताया कि नेत्र रोगों की सूची में डायबेटिक रेटिनोपैथी भी एक है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्लूएचओ) ने इसे अपने विजन 2020: राइट टू साइट इनीशिएटिव में शामिल किया है। यह इंटरनेशनल एजेंसी फॉर दि प्रीवेंशन ऑफ ब्लाइंडनेस की प्राथमिकता सूची में भी सम्मिलित है।



मधुमेह से पीड़ित सभी लोगों को हो सकती है डायबेटिक रेटिनोपैथी। समय पर जांच व इलाज से अंधत्व तथा कम होती रोशनी से बचा जा सकता है। डायबेटिज का सही प्रबंधन, ब्लड प्रेशर व कोलेस्ट्राल नियंत्रण तथा आंखों की नियमित जांच बचा सकती है इस बीमारी से।



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