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वायुसेना दिवस: सुखोई ने दिखाया कि आखिर क्यों दुनिया उसे मानती है युद्ध का शेर

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Place: नई दिल्ली                                                👤By: Digital Desk                                                                Views: 17899

भारतीय वायुसेना आज अपना 84वां स्थापना दिवस मना रही है। इस मौके को यादगार बनाने के लिए गाजियाबाद के हिंडन एयरबेस पर सेना के तीनों प्रमुखों, क्रिकेटर सचिन तेंदुलकर और नेताओं के साथ ही आम जनता का जमावड़ा रहा। सभी आसमान का सीना चीरने वाले लड़ाकू विमान सुखोई के करतब के इंतजार में थे। सुखोई ने भी बिना किसी को निराश किए हुए साबित कर दिया कि आखिर क्यों उसे युद्ध क्षेत्र का शेर कहा जाता है।





वायुसेना में शामिल होगी ब्रह्मोस मिसाइल



माना जा रहा है कि इस साल के अंत तक ब्रह्मोस मिसाइल वायुसेना में शामिल हो जायेगी। ऐसे में वायुसेना की ताकत में इजाफा होगा। दुनिया में अभी तक किसी भी देश के पास इस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल का कोई तोड़ नहीं है। पाकिस्तान तो क्या चीन भी इस मिसाइल से डरता है। अगर ये मिसाइल सुखोई में फिट हो जाती है तो वायुसेना का सीना गर्व से फूल जायेगा।



तेजस ने दिखाया दम



हिंडन एयरबेस में पहली बार देश में बने तेजस लड़ाकू विमान की हैरतअंगेज कारनामे से लोग हैरान रह गए। एक साथ कई सारी जिम्मेदारी निभाने में सक्षम तेजस लगभग 50 हज़ार फीट तक उड़ान भर सकता है, साथ में मिग-29 , मिग-21 बाइस, जैगुआर, मिराज लड़ाकू विमानों ने अपना दमखम दिखाया। आसमान में करतब दिखाने वाले दुनिया का इकलौते हेलीकाप्टर सारंग को देख लोगों ने जमकर तालियां बजाईं।



राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने की प्रशंसा



राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने भी ट्वीट कर इंडियन एयरफोर्स द्वारा देश के आकाश को सुरक्षा प्रदान करने के लिए, मानवीय सेवा और आपदा के समय राहत कार्यों के लिए भूरि-भूरि प्रशंसा की। बता दें कि गुरुवार को राष्ट्रपति ने सी-130 जे विमान के दुनिया की सबसे उंची एयर-स्ट्रिप, दौलत बेग ओल्ड़ी (डीबीओ) पर लैंड करने का पोस्टल-स्टैंप जारी किया था। वर्ष 2013 में सी-130जे सुपरहरक्युलिस एयरक्राफ्ट ने लद्दाख के डीबीओ में चीन सीमा के करीब लैंडिग कर एक नया कीर्तिमान बनाया था। गौरतलब है कि चीन सीमा पर किसी भी परिस्थिति में सैनिकों और बड़े हथियारों को चीन सीमा पर पहुंचाने में ये विमान काफी कारगर साबित हो सकता है।

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