
21 मार्च 2025। भारत सरकार ने रक्षा क्षेत्र को मजबूत करने की दिशा में एक बड़ा कदम उठाते हुए 540 बिलियन रुपये (लगभग $6.26 बिलियन) के हथियारों और सैन्य उपकरणों की खरीद को प्रारंभिक मंजूरी दे दी है। रक्षा अधिग्रहण परिषद (DAC) द्वारा गुरुवार को इस निर्णय की घोषणा की गई।
प्रस्तावित अधिग्रहण में भारतीय सेना के रूस निर्मित टी-90 युद्धक टैंकों के लिए उन्नत इंजन, नौसेना के लिए अतिरिक्त पनडुब्बी रोधी टॉरपीडो और वायु सेना के लिए हवाई पूर्व चेतावनी और नियंत्रण प्रणाली शामिल हैं। रक्षा मंत्रालय के अनुसार, टी-90 टैंक इंजन की खरीद से भारत के सबसे शक्तिशाली युद्धक टैंकों की परिचालन क्षमता में उल्लेखनीय वृद्धि होगी। उल्लेखनीय है कि अक्टूबर 2024 में भारत ने अपने टी-90 भीष्म टैंकों के बेड़े का ओवरहाल किया था, जिससे उनके जीवनकाल को कम से कम 20 वर्षों तक बढ़ाया जा सके।
इसके अतिरिक्त, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में भारत की सुरक्षा मामलों की कैबिनेट समिति (CCS) ने एडवांस्ड टोड आर्टिलरी गन सिस्टम (ATAGS) की खरीद के लिए 823 मिलियन डॉलर के सौदे को मंजूरी दी है। NDTV की रिपोर्ट के अनुसार, भारतीय सेना ने घरेलू रूप से विकसित इन 155 मिमी हॉवित्जर तोपों की 307 यूनिट खरीदने का निर्णय लिया है।
रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (DRDO) ने 2013 में ATAGS परियोजना की शुरुआत की थी, जिसका उद्देश्य पुरानी तोपों को आधुनिक 155 मिमी आर्टिलरी सिस्टम से बदलना था। इंडिया टुडे के अनुसार, इन तोपों का निर्माण भारत फोर्ज और टाटा एडवांस्ड सिस्टम्स लिमिटेड (TASL) द्वारा किया जाएगा। उत्पादन को दोनों कंपनियों के बीच विभाजित किया जाएगा, जिसमें भारत फोर्ज 60% और TASL 40% तोपों का निर्माण करेगी।
एक वरिष्ठ रक्षा अधिकारी ने टाइम्स ऑफ इंडिया को बताया कि ATAGS पुरानी 105mm और 130mm तोपों को प्रतिस्थापित करेगी, जिससे भारत की सीमाओं पर सैन्य क्षमता में महत्वपूर्ण वृद्धि होगी। अधिकारी ने यह भी बताया कि ATAGS के 65% से अधिक घटक घरेलू स्तर पर निर्मित किए गए हैं, जिनमें बैरल, थूथन ब्रेक, ब्रीच मैकेनिज्म, फायरिंग और रिकॉइल सिस्टम तथा गोला-बारूद हैंडलिंग मैकेनिज्म शामिल हैं।
भारतीय सेना 1,580 ATAGS तोपों को तैयार करने की योजना बना रही है, जिनकी रेंज 48 किलोमीटर (27.3 मील) तक होगी। रिपोर्ट के अनुसार, इन तोपों को माउंटेड गन सिस्टम में बदला जा रहा है, और 2026 तक इनके परीक्षण पूरे होने की उम्मीद है। साथ ही, भारत को ATAGS के लिए निर्यात ऑर्डर भी मिल रहे हैं।
ATAGS के अलावा, भारतीय सेना अपनी पिनाका रॉकेट सिस्टम क्षमताओं का विस्तार करना चाहती है। वर्तमान में चार पिनाका रेजिमेंटें तैनात हैं, और भविष्य में इनकी संख्या 22 तक बढ़ाने की योजना है।