भारत ने किया अब तक का सबसे बड़ा रक्षा सौदा, 156 हल्के लड़ाकू हेलीकॉप्टरों की खरीद को मिली मंजूरी

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Place: नई दिल्ली                                                👤By: prativad                                                                Views: 612

30 मार्च 2025। भारत सरकार ने अपने सबसे बड़े रक्षा सौदे को मंजूरी देते हुए 156 हल्के लड़ाकू हेलीकॉप्टरों (LCH) की खरीद को हरी झंडी दे दी है। यह सौदा 620 बिलियन रुपये (7.3 बिलियन डॉलर) का है, जिसमें प्रशिक्षण और अन्य संबंधित उपकरण भी शामिल हैं। शुक्रवार को सुरक्षा मामलों की कैबिनेट समिति (CCS) द्वारा इसे स्वीकृति दी गई, जिसके बाद रक्षा मंत्रालय ने इस समझौते पर हस्ताक्षर किए।

🔸 भारतीय सेना और वायुसेना को मिलेगा बड़ा रक्षा समर्थन
इस सौदे के तहत हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) द्वारा निर्मित 156 हल्के लड़ाकू हेलीकॉप्टरों की आपूर्ति की जाएगी। इनमें से 90 हेलीकॉप्टर भारतीय सेना को और 66 भारतीय वायुसेना (IAF) को मिलेंगे।

🔸 सीमा पर तैनाती के लिए विशेष रूप से उपयुक्त
LCH प्रचंड दुनिया का एकमात्र ऐसा हमला हेलीकॉप्टर है जो 5,000 मीटर (16,400 फीट) की ऊंचाई पर उड़ान भर सकता है। इसकी यह विशेषता इसे पाकिस्तान और चीन से लगती सीमाओं के रणनीतिक क्षेत्रों जैसे सियाचिन ग्लेशियर और पूर्वी लद्दाख में संचालन के लिए आदर्श बनाती है।

🔸 अत्याधुनिक युद्धक क्षमताएं
LCH प्रचंड हवा से हवा और हवा से जमीन में मार करने वाली मिसाइलों से लैस है, जिससे यह दुश्मन की वायु रक्षा प्रणालियों को प्रभावी रूप से नष्ट कर सकता है। साथ ही, यह नेटवर्क-केंद्रित युद्ध के लिए उन्नत संचार और डेटा साझाकरण प्रणालियों से लैस है।

🔸 पहले भी हुए थे सीमित खरीद आदेश
HAL द्वारा विकसित इस हेलीकॉप्टर को अक्टूबर 2022 में औपचारिक रूप से वायुसेना में शामिल किया गया था। इससे पहले, सरकार ने 15 LCH के उत्पादन को मंजूरी दी थी, जिसमें 10 IAF के लिए और 5 सेना के लिए थे।

🔸 कारगिल युद्ध के बाद बढ़ी थी मांग
LCH परियोजना 1999 के कारगिल युद्ध के बाद शुरू की गई थी, जब अत्यधिक ऊंचाई पर संचालन में सक्षम लड़ाकू हेलीकॉप्टरों की आवश्यकता महसूस की गई थी। HAL ने इस चुनौती को पूरा करते हुए LCH का विकास किया, और यह सौदा कंपनी के लिए अब तक का सबसे बड़ा ऑर्डर साबित होगा। हेलीकॉप्टरों का निर्माण कर्नाटक के बेंगलुरु और तुमकुर स्थित HAL के संयंत्रों में किया जाएगा।

🔸 ‘मेक इन इंडिया’ को मिलेगा बड़ा प्रोत्साहन
यह सौदा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ‘मेक इन इंडिया’ पहल के तहत घरेलू रक्षा उत्पादन को मजबूत करने के बड़े कदम के रूप में देखा जा रहा है।



इसके अलावा, भारत की रक्षा अधिग्रहण परिषद ने हाल ही में 540 बिलियन रुपये (6.26 बिलियन डॉलर) के हथियारों और उपकरणों की खरीद को प्रारंभिक मंजूरी दी है। इन प्रस्तावों में भारतीय सेना के T-90 युद्धक टैंकों के लिए नए इंजन, नौसेना के लिए पनडुब्बी रोधी टॉरपीडो और वायुसेना के लिए एयरबोर्न अर्ली वॉर्निंग एंड कंट्रोल सिस्टम (AEW&C) शामिल हैं।

हाल ही में CCS ने 300 से अधिक स्वदेशी रूप से विकसित 155 मिमी हॉवित्जर तोपों (ATAGS) की खरीद को भी मंजूरी दी है, जिसकी कुल लागत 823 मिलियन डॉलर बताई जा रही है।

भारत के इस ऐतिहासिक रक्षा सौदे से देश की सैन्य क्षमताएं पहले से अधिक मजबूत होंगी और सीमाओं की सुरक्षा को नई मजबूती मिलेगी। साथ ही, स्वदेशी रक्षा उत्पादन को भी नई ऊंचाइयां मिलेंगी, जिससे देश की आत्मनिर्भरता बढ़ेगी।

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