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मध्य प्रदेश बीजेपी कार्यसमिति की बैठक में नई रणनीति: हारने वाले बूथों पर जीत का संकल्प

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Place: भोपाल                                                👤By: prativad                                                                Views: 567

7 जुलाई 2024। मध्य प्रदेश में लोकसभा चुनाव में 29 में से 29 सीटें जीतने के बाद बीजेपी की प्रदेश कार्यसमिति की पहली बैठक आयोजित की गई। इस ऐतिहासिक जीत के लिए कार्यकर्ताओं के समर्पण और जनता के समर्थन के लिए आभार व्यक्त किया गया। बैठक में उन क्षेत्रों पर भी मंथन किया गया जहां पार्टी को हार का सामना करना पड़ा।

बैठक में केंद्रीय मंत्री भूपेंद्र यादव ने कार्यसमिति के सदस्यों को बीजेपी की कार्यपद्धति में प्रवास के कार्यक्रम को न भूलने की सलाह दी। उन्होंने कहा कि कार्यकर्ता अपने अहंकार को समाप्त कर, समाज के विकास के लिए समर्पित होकर काम करें।

बूथ स्तर के कार्यकर्ताओं को जीत का श्रेय

भोपाल के रविंद्र भवन में आयोजित प्रदेश कार्यसमिति की बैठक में बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा ने सभी 29 सीटों की जीत का श्रेय बूथ स्तर के कार्यकर्ताओं को दिया। उन्होंने ग्वालियर-चंबल और विन्ध्य क्षेत्र में वोट प्रतिशत कम होने और लोकसभा चुनाव में 7 विधानसभा सीटों पर हारने पर चिंता जताई। शर्मा ने कहा, "इंदौर संभाग में भी चिंता करने की जरूरत है। चुनाव में हर 80.56 बूथ पर बीजेपी जीती है, इसलिए अब बाकी 20 प्रतिशत बूथों पर जीत का संकल्प लेकर मैदान में उतरें।"

नई जीत का संकल्प

बैठक में बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष विष्णुदत्त शर्मा ने कहा कि 29,523 बूथों के कार्यकर्ताओं की मेहनत के कारण लोकसभा चुनाव में मध्य प्रदेश में रिकॉर्ड जीत दर्ज हुई है। यह जीत प्रधानमंत्री मोदी, केंद्र और प्रदेश सरकार की योजनाओं और कार्यकर्ताओं की मेहनत का परिणाम है। उन्होंने बताया कि इस बार लोकसभा चुनाव में बीजेपी का वोट प्रतिशत 1.27 प्रतिशत बढ़ा है। 2019 में बीजेपी का वोट प्रतिशत 58 था, जो इस बार 59.27 प्रतिशत रहा। अनुसूचित जनजाति के वोट प्रतिशत में भी 1.5 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। अब बचे हुए 20 प्रतिशत बूथों पर जीत का संकल्प लेकर काम करना है।

चिंताजनक सीटों के नतीजे

बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा ने कहा कि प्रदेश की 7 विधानसभा सीटों पर बीजेपी ने विधानसभा चुनाव में जीत हासिल की, लेकिन लोकसभा चुनाव में हार गई। इन सीटों पर समीक्षा की आवश्यकता है। ग्वालियर-चंबल और विन्ध्य क्षेत्र में वोट शेयर बढ़ाने की जरूरत है। इंदौर संभाग में एक सीट पर हार का सामना करना पड़ा, लेकिन वहां भी वोट प्रतिशत कम हुआ है। सागर संभाग में सभी सीटों पर जीत मिली है, जहां 67 प्रतिशत वोट मिला है, जो ऐतिहासिक है।

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