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अहंकार और असहिष्णुता: तलाक और आत्महत्या के पीछे की वजह

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Location: भोपाल                                                 👤Posted By: prativad                                                                         Views: 1414

भोपाल: 12 जुलाई 2024। राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) की रिपोर्ट के अनुसार, भारत में आत्महत्या के लगभग एक तिहाई मामले पारिवारिक समस्याओं से जुड़े हैं। भोपाल जिला पारिवारिक न्यायालय में हर महीने तलाक के 250 से अधिक मामले दर्ज होते हैं, जिनमें से ज्यादातर मामूली विवादों पर आधारित होते हैं।

हाल ही में, शहर में जनसंपर्क निदेशालय की सहायक निदेशक 29 वर्षीय पूजा थापक की आत्महत्या ने इस मुद्दे को उजागर कर दिया है। एनसीआरबी की रिपोर्ट के अनुसार, 2022 में मध्य प्रदेश में 15,383 लोगों ने आत्महत्या की। रिपोर्ट में 'पारिवारिक समस्याओं' को देश में आत्महत्याओं का सबसे बड़ा कारण बताया गया है, जिसमें 31.7% आत्महत्याएं शामिल हैं। इसके अलावा, 4.8% आत्महत्याएं वैवाहिक समस्याओं से जुड़ी थीं।

जिला पारिवारिक न्यायालय के परामर्शदाताओं का कहना है कि अहंकार और असहिष्णुता इन विवादों के पीछे मुख्य कारण हैं। दंपत्ति समझौता करने का प्रयास नहीं करते और अक्सर बातचीत करना बंद कर देते हैं, जिसके परिणामस्वरूप छोटे-मोटे मतभेद भी बड़े विवादों में बदल जाते हैं।

परामर्शदाताओं का यह भी कहना है कि जब दंपत्ति मतभेदों को सुलझाने में असफल रहते हैं और पुरानी बातों को याद करके एक-दूसरे को नीचा दिखाने का प्रयास करते हैं, तो समझौता करना असंभव हो जाता है। वे अक्सर बच्चों के भविष्य की परवाह किए बिना ही आत्महत्या जैसे चरम कदम उठाते हैं।

कई मामलों में, झगड़े के बाद महिलाएं अपने मायके चली जाती हैं और कुछ तो पुलिस में भी शिकायत दर्ज करा देती हैं। इससे सुलह करना और भी मुश्किल हो जाता है।

विशेषज्ञों का कहना है कि छोटे-छोटे इशारे जैसे पत्नी का पति के लिए पसंदीदा भोजन बनाना या पति का घर लौटते समय पत्नी के लिए कोई तोहफा लाना भी रिश्तों को बेहतर बना सकता है। एक मुस्कान या गले लगना भी तनाव कम करने में मदद कर सकता है।

लेकिन अक्सर अहंकार बाधा बन जाता है और दोनों ही चाहते हैं कि दूसरा पहल करे और माफी मांगे, जिससे विवाद बढ़ता जाता है।

यह महत्वपूर्ण है कि दंपत्ति खुले तौर पर संवाद करें, समझौता करने का प्रयास करें और अपनी भावनाओं को व्यक्त करने में सक्षम हों। यदि वे स्वयं समस्याओं को हल करने में असमर्थ हैं, तो उन्हें पेशेवर परामर्श लेना चाहिए।

- दीपक शर्मा

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