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साइबर तहसील: मध्यप्रदेश में राजस्व सेवाओं में क्रांति

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Place: भोपाल                                                👤By: prativad                                                                Views: 596

13 जुलाई, 2024। साइबर तहसील पहल ने मध्यप्रदेश में राजस्व सेवाओं के वितरण के तरीके में क्रांति ला दी है, जिससे उन्हें और अधिक नागरिक-हितैषी और कुशल बनाया गया है। उत्परिवर्तन प्रक्रिया में मानवीय हस्तक्षेप को आंशिक रूप से समाप्त करके, साइबर तहसील ने उत्परिवर्तन मामलों का समय पर समाधान, उत्परिवर्तन आदेशों के बाद भूमि अभिलेखों का वास्तविक समय अद्यतन और नागरिकों को सत्यापित भूमि अभिलेखों की उपलब्धता सुनिश्चित की है। यह परियोजना 29 फरवरी, 2024 को राज्य के सभी जिलों में लागू की गई थी।

साइबर तहसील से पहले: साइबर तहसील की स्थापना से पहले, नागरिकों को पंजीकरण के बाद के उत्परिवर्तन और भूमि अभिलेखों में इसके कार्यान्वयन के लिए कई कार्यालयों में जाना पड़ता था। साइबर तहसील के आगमन के साथ, अविवादित उत्परिवर्तन मामलों को अब पंजीकरण के बाद ऑनलाइन हल किया जा रहा है, जिससे आम नागरिकों को सुविधा हो रही है।

कानूनी ढांचा और कार्यान्वयन: साइबर तहसील की अवधारणा को साकार करने के लिए, मध्य प्रदेश भू-राजस्व संहिता, 1959 में संशोधन के बाद, साइबर तहसील प्रक्रिया नियम, 2022 बनाए गए। साइबर तहसील को मूर्त रूप देने के लिए RCMS पोर्टल पर साइबर तहसील मॉड्यूल शुरू किया गया है।

मुख्य उपलब्धियां:
72,000 मामले हल किए गए: पूरे राज्य में साइबर तहसील में 72,000 से अधिक मामलों का समाधान किया गया है, जिसमें भूमि अभिलेखों में 100% कार्यान्वयन शामिल है। नागरिकों को वास्तविक समय में उत्परिवर्तन आदेशों और अद्यतन रिकॉर्डों की डिजिटल प्रतियां (व्हाट्सएप, ईमेल के माध्यम से) प्रदान की गई हैं।
एकल विंडो प्रणाली: साइबर तहसील में उत्परिवर्तन "एकल विंडो" सुविधा के माध्यम से किया जाता है। पंजीकरण के बाद कहीं जाने की आवश्यकता नहीं है।
एंड-टू-एंड ऑनलाइन पेपरलेस प्रणाली: यह एंड-टू-एंड ऑनलाइन पेपरलेस प्रणाली है। भूमि अभिलेखों के वास्तविक समय के अद्यतन के साथ, पूरी प्रक्रिया पारदर्शी और निष्पक्ष होती है।
सार्वजनिक सूचनाएं और ऑनलाइन दावे: सार्वजनिक सूचनाएं RCMS पोर्टल पर प्रदर्शित की जाती हैं। यह ऑनलाइन दावे और आपत्तियां जमा करने की सुविधा भी प्रदान करता है। पटवारी रिपोर्ट भी ऑनलाइन होती हैं।
औसत निपटारा समय: मामलों के निपटारे का औसत समय 17 से 20 दिन है।
वास्तविक समय आदेश वितरण: नागरिकों को ईमेल/व्हाट्सएप के माध्यम से वास्तविक समय में साइबर तहसीलदार द्वारा पारित आदेशों की प्रतियां भेजी जाती हैं।

पुरस्कार और सम्मान:
ई-गवर्नेंस डिजीटेक पुरस्कार: राज्य सरकार द्वारा शुरू की गई साइबर तहसील पहल को 2023 में ई-गवर्नेंस डिजीटेक पुरस्कार श्रेणी में 'नागरिक सेवा वितरण के डिजिटलीकरण में उत्कृष्टता पुरस्कार' से सम्मानित किया गया।
डिजिटल इंडिया ई-गवर्नेंस अवार्ड: इसे डिजिटल इंडिया ई-गवर्नेन्स अवार्ड्स के तहत 'ELETS भारत इनोवेशन अवार्ड-2023' से भी सम्मानित किया गया।

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