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मध्य प्रदेश में सीबीआई जांच पर रोक: अब राज्य की अनुमति के बिना जांच नहीं कर सकेगी एजेंसी

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Location: भोपाल                                                 👤Posted By: prativad                                                                         Views: 1129

भोपाल: 19 जुलाई 2024। पश्चिम बंगाल के बाद अब मध्य प्रदेश में भी सीबीआई को राज्य सरकार की अनुमति के बिना जांच करने की अनुमति नहीं होगी। मध्य प्रदेश सरकार ने 18 जुलाई 2024 को एक अधिसूचना जारी कर यह घोषणा की।

यह अधिसूचना दिल्ली विशेष पुलिस स्थापना अधिनियम 1946 की धारा 3 पर आधारित है। इसमें कहा गया है कि "मध्य प्रदेश सरकार के किसी भी कर्मचारी से जुड़े मामलों में जांच और कार्रवाई करने से पहले सीबीआई को पहले राज्य सरकार से लिखित अनुमति लेनी होगी।"

यह कदम उन खबरों के बाद आया है जिनमें आरोप लगाया गया था कि सीबीआई पश्चिम बंगाल सरकार के अधिकारियों के खिलाफ मामलों की जांच कर रही थी, भले ही राज्य सरकार ने पहले ही इसकी अनुमति वापस ले ली थी।

सीबीआई कब कर सकेगी जांच?
हालांकि, कुछ अपवाद हैं।
सीबीआई को मध्य प्रदेश के अंदर केन्द्रीय सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों (सीपीएसई) के कर्मचारियों और अधिकारियों पर कार्रवाई करने के लिए राज्य सरकार की अनुमति की आवश्यकता नहीं होगी।
सीबीआई केंद्र सरकार के कर्मचारियों और सीपीएसई के साथ काम करने वाले मध्य प्रदेश के निजी व्यक्तियों पर भी कार्रवाई कर सकेगी।
यदि राज्य सरकार किसी मामले की गंभीरता को देखते हुए सीबीआई जांच का अनुरोध करती है, तो सीबीआई जांच कर सकेगी।
यदि कोई मामला हाईकोर्ट या सुप्रीम कोर्ट में है और अदालत सीबीआई जांच का आदेश देती है, तो सीबीआई जांच कर सकेगी।
केंद्र सरकार भी किसी मामले की गंभीरता को देखते हुए सीबीआई जांच का आदेश दे सकती है।
सीबीआई को कैसे मिलते हैं केस?

दिल्ली विशेष पुलिस स्थापना अधिनियम की धारा 2 और 3 में सीबीआई की शक्तियों और अधिकार क्षेत्र का उल्लेख है।
सीबीआई केवल केंद्र शासित प्रदेशों में ही जांच और कार्रवाई कर सकती है।
किसी राज्य में जांच शुरू करने से पहले, सीबीआई को दिल्ली विशेष पुलिस स्थापना अधिनियम के तहत राज्य सरकार से अनुमति प्राप्त करनी होगी।
यह दर्शाता है कि राज्यों से जुड़े मामलों की जांच के लिए सीबीआई को अधिकार देने की प्रक्रिया जटिल है।

इस अधिसूचना के क्या निहितार्थ हैं?
यह अधिसूचना सीबीआई की शक्तियों को कम कर सकती है और राज्य सरकारों को सीबीआई जांच पर अधिक नियंत्रण दे सकती है।

यह भ्रष्टाचार और अपराधों की जांच को प्रभावित कर सकता है, खासकर यदि राज्य सरकारें सीबीआई जांच में सहयोग करने में अनिच्छुक हों।

यह देखना बाकी है कि यह अधिसूचना लंबे समय में कैसे प्रभावित करती है।

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