
19 जुलाई, 2024: डेटा सेंटर उद्योग में भारत की चौथी सबसे बड़ी कंपनी, कंट्रोल एस, इंदौर में अपना पहला ग्रीन फील्ड डेटा सेंटर स्थापित करने की योजना बना रही है। भूकंप-रोधी क्षेत्र होने और निरंतर बिजली आपूर्ति के कारण इंदौर डेटा सेंटर के लिए एक आकर्षक स्थान बन गया है।
मध्य प्रदेश की औद्योगिक राजधानी इंदौर, सूचना प्रौद्योगिकी के हब के रूप में उभरने के बाद अब डेटा सेंटर का केंद्र भी बनने जा रहा है। आगामी दो से तीन वर्षों में, इंदौर में तीन बड़े ग्रीन फील्ड डेटा सेंटर स्थापित किए जाएंगे।
कंट्रोल एस के प्रतिनिधि जबलपुर में आयोजित क्षेत्रीय उद्योग सम्मेलन में मुख्यमंत्री मोहन यादव को अपना प्रस्ताव पेश करेंगे। इसके अलावा, मुंबई की योटा कंपनी ने भी इंदौर और भोपाल में ग्रीन फील्ड डेटा सेंटर स्थापित करने की इच्छा व्यक्त की है।
2015-16 में इंदौर में पहला डेटा सेंटर स्थापित करने वाली रेकबैंक कंपनी पीथमपुर में 4 एकड़ भूमि पर अपना पहला ग्रीन फील्ड डेटा सेंटर बना रही है। कंपनी ने सुपर कॉरिडोर पर एक समान डेटा सेंटर स्थापित करने की योजना भी तैयार की है।
डेटा सेंटर क्यों महत्वपूर्ण हैं?
डेटा सेंटर डिजिटल डेटा को स्टोर करते हैं और प्रोसेसिंग के लिए सर्वर प्रदान करते हैं।
डेटा सेंटर में संग्रहीत डेटा वायरस से सुरक्षित रहता है और कम से कम पांच साल तक सुरक्षित रखा जाता है।
सोशल मीडिया पर संग्रहीत डेटा सहित बड़ी मात्रा में डेटा को स्टोर करने के लिए डेटा सेंटर आवश्यक हैं।
डेटा सेंटर इंदौर को कैसे लाभान्वित करेंगे:
आईटी और एआई कंपनियों की संख्या में वृद्धि
डिजिटल सेटअप बनाने वाली उद्योगों का विकास
डेटा सेंटर निर्माण कंपनियों के लिए ग्रीन एनर्जी अनिवार्यता से सौर ऊर्जा उद्योग को बढ़ावा
डेटा सेंटर हार्डवेयर निर्माण कंपनियों में वृद्धि
इंदौर डेटा सेंटर के लिए अनुकूल क्यों है:
पर्याप्त बिजली आपूर्ति
आईटी और डेटा सेंटर के लिए अनुकूल औद्योगिक नीतियां
भूकंपरोधी क्षेत्र होने के कारण सुरक्षित निवेश
यह स्पष्ट है कि इंदौर डेटा सेंटर उद्योग में एक प्रमुख केंद्र बनने की ओर अग्रसर है। यह विकास शहर में रोजगार के अवसरों और आर्थिक विकास को बढ़ावा देगा।